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सीआरपीएफ में प्रशिक्षण व विभिन्न सुविधाओं की कमी: आंतरिक रिपोर्ट

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की आंतरिक रिपोर्ट में कहा गया है कि बल के फील्ड कमांडरों ने इशारा किया था कि प्रशिक्षण में कमी, काम का दबाव और संवादहीनता जैसे कारणों से अभियानों में नुकसान हुआ है.

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केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की आंतरिक रिपोर्ट में कहा गया है कि बल के फील्ड कमांडरों ने इशारा किया था कि प्रशिक्षण में कमी, काम का दबाव और संवादहीनता जैसे कारणों से अभियानों में नुकसान हुआ है.

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उल्लेखनीय है कि दंतेवाड़ा में नक्सली हमले में बल के 75 जवानों की मौत हो गई थी. रिपोर्टों के अनुसार वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि पर्याप्त फायरिंग रेंज की अनुपलब्धता, शूटिंग अभ्‍यास की कमी आदि वजहों से अभियानों के दौरान उसके जवान अधिक संख्या में हताहत होते हैं.

बल के फील्ड कमांडरों ने कई बैठकों के बाद रिपोर्टें तैयार की हैं और इसमें प्रशिक्षण पर नजर रखने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी का जिक्र है. उन्होंने प्रशिक्षण के तरीकों को लेकर अप्रसन्नता जताई है. उन्होंने कहा कि बटालियनों और ग्रूप सेंटर में सामान्य पीटी या परेड को अपेक्षित महत्व नहीं दिया जा रहा है. उनका मानना है कि इससे उपस्थिति के अलावा प्रशिक्षण पहलू भी प्रभावित होते हैं.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुछ बटालियनों में असिस्टेंट कमांडेंट और अन्य विभिन्न रैंकों की कमी है तथा लंबे समय तक कंपनी कमांडर नहीं होने से उस कंपनी का कामकाज और दक्षता प्रभावित होती है. कई अधिकारियों ने यह भी महसूस किया कि विभिन्न इकाइयों की कुशलता एवं योग्यता के स्तर में भिन्नता है और प्रशिक्षण स्तर में कमी आई है.

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अधिकारियों के अनुसार कम समय में दूसरी जिम्मेदारी मिलने से कर्मियों को मानसिक तैयारियों का वक्त नहीं मिलता. उनकी भूमिकाओं में कानून व्यवस्था ड्यूटी, उग्रवाद विरोधी अभियान, अतिमहत्वपूर्ण लोगों की सुरक्षा, सांप्रदायिक तनाव, चुनाव कार्य, आतंकवाद और उग्रवाद से मुकाबला शामिल हैं. रिपोर्ट के अनुसार देश के विभिन्न हिस्सों में तैनात कर्मियों के रहने की स्थिति और बुनियादी ढांचे में सुधार करना होगा.

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