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अमित शाह से राजनाथ सिंह तक, 370 पर सबने की इस सांसद के भाषण की तारीफ

अनुच्छेद 370 और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल पर मंगलवार को लोकसभा में खूब चर्चा हुई. लोकसभा में हुई चर्चा का मुख्य आकर्षण के केंद्र रहे लद्दाख के सांसद जामयांग शेरिंग. गृह मंत्री अमित शाह ने भी शेरिंग के भाषण पर उन्हें शाबाशी दी और उनकी प्रशंसा की.

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लद्दाख के सांसद जामयांग शेरिंग (LSTV)
लद्दाख के सांसद जामयांग शेरिंग (LSTV)

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अनुच्छेद 370 और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल पर मंगलवार को लोकसभा में खूब चर्चा हुई. लोकसभा में हुई चर्चा का मुख्य आकर्षण रहे लद्दाख के सांसद जामयांग शेरिंग. गृह मंत्री अमित शाह ने भी शेरिंग के भाषण पर उन्हें शाबाशी दी और उनकी प्रशंसा की. अमित शाह ने सांसद की भाषण शैली से प्रभावित होकर सदन में बैठे-बैठे एक कागज के टुकड़े पर प्रशंसा लिखकर उनको सदन के भीतर ही भिजवाई.

स्मृति ईरानी ने भी जामयांग शेरिंग के पास जाकर उनको शाबाशी दी. अन्य सांसदों ने भी खड़े होकर उनका अभिवादन किया. शिवसेना के मंत्री अरविंद सामंत ने भी उनकी प्रशंसा की और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी उनकी भाषण शैली की बार-बार अमित शाह से तारीफ की.

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जामयांग शेरिंग ने सदन में अनुच्छेद 370 और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल पर बोलते हुए कहा कि जिन लोगों ने यहां पर लंबे-लंबे भाषण दिए हैं वह सिर्फ किताबी थे. लद्दाख के बारे में वह लोग कुछ नहीं जानते. करगिल के बारे में उनको कोई जानकारी नहीं है. सिर्फ जम्मू कश्मीर में 2 परिवारों की रोजी-रोटी के लिए इसका विरोध किया जा रहा है. सिर्फ दो परिवार वहां पर शासन नहीं बल्कि राज करते रहे. उनकी रोजी रोटी छिन रही है, इसलिए वह लोग चिल्ला रहे हैं.

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जामयांग शेरिंग ने कहा कि केंद्र शासित होने के लिए हमने हमेशा से 71 साल से लड़ाई लड़ी. बीजेपी ने मेनिफेस्टो में इसकी घोषणा की थी लद्दाख का जो भी फंड था कश्मीर के लोग खा जाते थे, इन्हीं लोगों ने कश्मीरी पंडितों को निकाला. लद्दाख के सांसद का कहना था कि लद्दाख के लोगों के साथ हमेशा से सौतेला व्यवहार किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने जो निर्णय लिया है यह ऐतिहासिक निर्णय है और मैं इसका स्वागत करता हूं.

लद्दाख के सांसद जामयांग शेरिंग लद्दाख में छात्र नेता भी रहे हैं और लद्दाख को केंद्र शासित की मांग को लेकर उन्होंने काफी आंदोलन भी किए हैं. जब उनका भाषण खत्म हुआ तो कुछ सांसदों ने उनके पास जाकर उन्हें बधाई दी.

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