ओसामा बिन लादेन, अल कायदा आतंकवादी नेटवर्क का बाप, जिसने जिहाद के नाम पर हजारों मारे और जब खुद मरा, तो कब्र भी नसीब नहीं हुई. ओसामा अमेरिका पर आतंकवादी हमले तक अफगानिस्तान में था. मगर 9/11 के बाद शुरू हुआ उसका लुकाछिपी का खेल. इस दौरान वह पाकिस्तान के कई इलाकों में रहा, नाम बदले, शकल बदली और तौर तरीके बदले. एबटाबाद में लादेन के मारे जाने के घटनाक्रम पर जांच के लिए बनाए गए कमीशन ने पिछले दिनों पाक सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी है. इसे कतर के चैनल अल जजीरा ने प्रकाशित किया है. उस रिपोर्ट के खास अंश, पढ़ें यहां और जानें क्या पहनता था. क्या खाता था और कैसे रहता था.
चिनार के खौफ के चलते सलवार कमीज पर पहना हैट
लादेन की बीवियों के मुताबिक ओसामा को कपड़ों का शौक नहीं था. उसके पास गर्मियों और सर्दियों के लिए तीन तीन जोड़ी सलवार कमीज थे.सर्दी से बचने के लिए उसके पास दो स्वेटर और एक काले रंग की जैकेट थी.एबोटाबाद में रहने के दौरान ओसामा ने गोल घेरे वाली काउबॉय हैट पहनना शुरू कर दिया था.लादेन के घर के आसपास चिनार के पेड़ों की कतार थी. उसे डर था कि इनकी आड़ में कोई उसकी निगरानी कर सकता है. इससे बचने के लिए वह हैट पहनता था. पेड़ों को लेकर लादेन इतना आशंकित था कि उसने यह ख्याल भी किया कि पेड़ों को खरीद लिया जाए, ताकि इन्हें कटवाया जा सके.
हर मर्ज़ का इलाज 'तिब्ब ए नवाबी'
अमेरिकी खुफिया एंजेंसियों की मानें तो लादेन को एडिसन डिजीज थी. इसके अलावा उसे सीने में और किडनी में दर्र की कई बार शिकायत रहती थी. इन सबके इलाज के लिए वह कभी भी डॉक्टर के पास नहीं गया. जब भी बीमार होता खुद ही एक अरब दवाई जिसे तिब्ब ए नवाबी कहते हैं, खा लिया करता था. कमजोरी लगने पर वह चॉकलेट और सेब खाता था.
दो पठान भाई थे बॉडीगार्ड और घर के नौकर
इब्राहिम और अबरार नाम के दो पठान भाई लादेन के बॉडीगार्ड थे. इन दोनों के परिवार भी लादेन के परिवार के साथ एबोटाबाद के दोमंजिला मकान में रहते थे. इन भाइयों के जिम्मे आतंकी नेटवर्क के संदेश लाने और ले जाने का काम था. बाजार का काम भी यही करते थे.राशन लाने से लेकर बिजली के बिल तक का काम इनके जिम्मे था.
सबसे कटी रहती थी लादेन की फैमिली
लादेन का बड़ा बेटा खालिद घर के उस हिस्से की जिम्मेदारी संभालता था, जहां लादेन का परिवार रहता था. फर्नीचर की संभाल से लेकर लीक हो रहे पाइप ठीक करने जैसे काम खालिद के जिम्मे थे. खालिद की ही जिम्मेदारी थी कि परिवार के बच्चे और औरतें इब्राहिम और अबरार के परिवार से ज्यादा मेलजोल न करें.
लादेन देता था बच्चों को पौधे लगाने पर ईनाम
दुनिया भर में आतंक की पौध रोपने वाला लादेन अपने छोटे बच्चों को पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित करता था. रिपोर्ट के मुताबिक अपने बच्चों की इस्लामिक शिक्षा का जिम्मा शेख (लादेन) ने खुद उठा रखा था. उनकी पढ़ाई में बागवानी भी शामिल थी. जो बच्चे ज्यादा क्यारियां बनाते थे. उन्हें छोटे मोटे ईनाम भी मिलते थे.
‘मिसकीन काका’ बुलाती थी गार्ड की बेटी
लादेन के कुरियर बॉय और बॉडीगार्ड इब्राहिम की बड़ी बेटी का नाम था रहमा. वह नौ साल की थी जब इस घर में रहने आई. कुछ ही दिनों में ओसामा की बड़ी बेटी सुमैया रहमा को पढ़ाने लगी. ये पढ़ाई धार्मिक किस्म की होती थी. रहमा बड़े घर में पढ़ने जाती, वहां उसे सब नजर आते. मगर एक अंकल थे जो हमेशा ऊपर वाले कमरे में ही रहते थे. फिर एक दिन रहमा ने अपने अब्बा से पूछा कि ऊपर वाले कमरे में रहने वाले अंकल कभी बाजार क्यों नहीं जाते. इस सवाल पर सकपकाए इब्राहिम ने कहा, चाचा मिसकीन(गरीब) हैं. इसलिए कहीं नहीं जाते. इसके बाद से रहमा लादेन को मिसकीन काका कहने लगी.
टीवी पर दिखा लादेन और बच्चों ने पहचान लिया
एबोटाबाद के घर में शुरुआत में औरतों को टीवी देखने की इजाजत थी. लेकिन दिन घर में अल जजीरा चैनल देखा जा रहा था. तभी स्क्रीन पर किसी खबर के सिलसिले में लादेन की तस्वीर नजर आई. रहमा ने उसे फौरन पहचान लिया और चीखी ये तो मिसकीन काका हैं. कमरे में सन्नाटा छा गया. उस दिन के बाद से औरतों के टीवी देखने की मनाही हो गई.इसके बाद लादेन के परिवार और इब्राहिम के परिवार में किसी भी किस्म की बातचीत भी बंद हो गई. कुछ दिनों बाद इब्राहिम ने अपनी बीवी मरियम से कबूला कि बेटी रहमा सच बोल रही थी. मिसकीन काका ही लादेन है.
लादेन की बेटी तीन साल की उम्र से कर रही थी पर्दा
इब्राहिम की बीवी मरियम के मुताबिक लादेन के परिवार में पर्दे को लेकर बहुत सख्ती थी. लादेन की बेटियों को तीन साल की उम्र से ही पर्दा करना पड़ा. उसकी बीवियां पराए मर्दों को लेकर इतनी डरी रहती थीं कि टीवी पर किसी पुरुष के आते ही पर्दा कर लेती थीं.
लादेन की बीवी को गूंगा बहरा बता करवाई डिलीवरी
एबोटाबाद में आने से पहले यानी 2002 से 2005 के दरमियान लादेन का परिवार एक औऱ पाकिस्तानी कस्बे हरीपुर में रहा.तीन बेडरूम, दो हॉल और लॉन वाले इस मकान में ही ओसामा की सबसे छोटी बीवी अमल मां बनी. ऐसा कुल जमा दो बार हुआ. लेबर पेन होने पर उसे एक प्राइवेट क्लीनक में गार्ड अबरार और उसकी बीवी बुशरा ले गए. जब डॉक्टरों ने मरीज की पहचान पूछी तो कह दिया गया कि ये गूंगी बहरी रिश्तेदार है हमारी.
दुनिया की सबसे बड़ी सिक्युरिटी और सैलरी सिर्फ 9 हजार
लादेन जिस पर अरबों डॉलर का ईमान घोषित था. उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी जिन दो लोगों इब्राहिम और अबरार पर थी, उन्हें लादेन तनख्वाह के नाम पर महज 9 हजार रुपये देता था. इसके अलावा लादेन अपने जकात की रकम से भी कुछ हिस्सा देता था.