पाकिस्तान के आतंरिक सुरक्षा मंत्री रहमान मलिक ने कहा कि आतंकी हमलों के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. मलिक ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मुंबई आतंकी हमला पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में रचा गया था लेकिन इसमें इंटरनेट का सहारा बड़े रूप में लिया गया. यह एक साइबर अपराध है.
मलिक ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ बताते हुए कहा कि यह हमला लश्कर से जुड़ा हुआ है. लश्कर के अबू हमजा, रियाज और सादिक ने इन हमलों में मदद की है. इस साजिश से जुडे हुए तीन नाम पाकिस्तानी हूकूमत की गिरफ्त में हैं. मलिक ने इस साजिश के बारे में कहा कि आतंकियों ने मुंबई पहुंचने के लिए पाकिस्तान के कराची शहर से तीन जहाज लिए थे. इस बोट के इंजन को जहां से खरीदा गया उसका पता चल चुका है.
मलिक ने कहा कि पाकिस्तान भारत को बिना शर्त मदद करने को तैयार है. मलिक ने आगे कहा कि बार्सिलोना से जावेद अहमद नामक एक आतंकी की गिरफ्तारी हुई है. इस साजिशाना हमले के लिए पैसों का लेन-देन कई देशों से हुआ है. मलिक ने माना कि भारत के सबसे बड़े आतंकी हमले को लश्कर का आतंकी लखवी ने रचा था.
मलिक ने भरोसा दिलाया कि इस मामले में जो एफआईआर दर्ज किया गया है, उसे पाकिस्तानी सरकार मुकाम तक ले जाएगी. इसके साथ ही पाकिस्तान ने पुराना राग अलपाते हुए कहा कि भारत से हम यह मांग करते हैं कि वह पाकिस्तान को और सबूत मुहैया करे. मलिक ने आगे कहा कि पाकिस्तान ने इस मामले में जो भी कार्रवाई की है, उसे भारत को सौंप दिया गया है.
उन्होंने कहा कि आतंकियों को ट्रेनिंग जकीउर रहमान लखवी और अबू हमजा ने दी थी. मलिक ने कहा कि इस हमले से जुड़े पाकिस्तान के पास अब भी कुछ सवाल है, जिसका जवाब वह भारत से जानना चाहेगा. आतंकियों को भारतीय सिम कार्ड कहां से मिले. ऐसे ही 30 सवालों की सूची पाकिस्तान ने भारत को दिए हैं, जिसका जवाब वह भारत से जानना चाहेगा.
पाकिस्तानी मंत्री मलिक ने कहा कि इस संबंध में इस्लामाबाद के स्पेशल क्राइम ब्रांच में एक एफआईआर दर्ज की गई है, जिसका एफआईआर नंबर 01/2009 है. इस एफआईआर में 8 लोगों के नाम दर्ज किए गए हैं.
पाकिस्तान जानना चाहता है कि एकमात्र जिंदा पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब का चित्र किसने और कब लिया. इसके साथ पाकिस्तान ने कसाब के डीएनए की रिपोर्ट मांगी है.