भारत ने 2008 के मुंबई आतंकी हमले के मुख्य आरोपी जकीउर रहमान लखवी की रिहाई पर पाकिस्तान के सामने कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि ‘नकारात्मक घटनाक्रम’ से यह अवधारणा मजबूत हुई है कि पाक की आतंकवादियों से निपटने की दोहरी नीति है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारे उच्चायुक्त ने पाकिस्तान के
विदेश सचिव के सामने मुंबई आतंकवादी हमले के मुख्य आरोपी की
रिहाई पर हमारी कड़ी चिंता जताई है. उन्होंने इस
बात पर जोर दिया कि इससे यह धारणा मजबूत हुई है कि
पाकिस्तान की आतंकवादियों से निपटने की दोहरी नीति है और
जिन्होंने हमले किए या जो भारत के लिए खतरा हैं उसने अलग तरीके
से निपटा जा रहा है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह
द्विपक्षीय संबंधों में अभी तक का सर्वाधिक नकारात्मक घटनाक्रम है’.
26/11 केस सुनवाई में देरी करने का पाक ने लगाया आरोप
पाकिस्तान ने
भारत पर साल 2008 के मुम्बई हमले की सुनवाई में सहयोग करने में
अत्यधिक देरी करने का आरोप लगाया और कहा कि इससे जकीउर
रहमान लखवी का मामला जटिल हो गया और अभियोजन कमजोर
हुआ जिससे उसकी रिहाई हुई.
'कोर्ट में है मुंबई संदिग्धों का मामला'
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता तसनीम असलम ने कहा, ‘जैसा कि मैं पहले
भी कह चुकी हूं कि भारत द्वारा सहयोग करने में अत्यधिक देरी से
मामला जटिल हुआ. हम न्यायिक प्रक्रिया
का सम्मान करते हैं और हमें विश्वास है कि इंसाफ के उद्देश्य की पूर्ति
होगी.’ उन्होंने कहा, ‘मुम्बई हमले के संदिग्धों का मामला अदालत के
सामने विचाराधीन है. ऐसे वक्त में आतंकवाद से लड़ने के प्रति
पाकिस्तान की कटिबद्धता पर संदेह प्रकट करना उचित नहीं होगा, जब
पाकिस्तान आतंकवाद की बुराई को हराने के अहम चरण में प्रवेश कर
चुका है.’
6 साल तक हिरासत में रहा लखवी
छह साल तक हिरासत में रहने के बाद 55 वर्षीय लखवी जेल से
बाहर आ गया. लखवी पर आरोप है कि 26/11 के मुंबई हमले के
दौरान पाकिस्तान में नियंत्रण कक्ष में बैठकर लश्कर ए तैयबा के
बंदूकधारियों को निर्देश दे रहा था. लश्कर ए तैयबा के संस्थापक और जमात उद दवा के प्रमुख हाफिज
सईद के रिश्तेदार लखवी को दिसंबर, 2008 में गिरफ्तार किया गया
था.
इनपुट भाषा