ललित मोदी पब्लिक रिलेशंस का काम करने वाली कंपनियों के आदर्श हो सकते हैं. वे उन कारोबारियों के भी आदर्श हो सकते हैं, जो हर कीमत पर फायदा कमाना चाहते हैं. वे उन दलालों के भी आदर्श हो सकते हैं, जो हर स्तर पर अपनी ताकतवर पैठ बनाना चाहते हैं. वे उन अपराधियों के भी आदर्श हो सकते हैं, जिन्हें डर सताता हो कि यदि पकड़े गए तो निपटेंगे कैसे. वे उन फ्रस्ट्रेट लोगों के लिए भी आदर्श हो सकते हैं, जो अपनी मामूली व्यस्तता को कोसते हुए कहते देखे जाते हैं कि टाइम ही नहीं है कहीं घूमने फिरने या पार्टी करने का.
दाउद में क्या रखा है. एक अपराध किया और फिर बिना कोर्ट-कचहरी के खुद को जीवनभर के लिए अज्ञातवास में डाल दिया. न अपराध करने की मैच्योरिटी और न बच निकलने का ढंग.
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