मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी पूर्व आईपीएल चीफ ललित मोदी को मदद के मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पद से हटाने की मांग की जा रही है. लेकिन सूत्रों की मानें तो सुषमा ने मामला सामने आने से हफ्ते भर पहले ही इस्तीफे की पेशकश की थी. लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के दखल के बाद यह पेशकश नामंजूर कर दी गई.
विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि हफ्ते भर पहले एक ब्रिटिश सांसद ने सुषमा को इस बारे में ईमेल भेजकर राय मांगी थी . आईएएनएस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इसके बाद सुषमा ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और उन्हें इस बारे में विस्तार से जानकारी दी.
सूत्रों के मुताबिक, एक दिन बाद प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ बीजेपी नेताओं और आरएसएस नेताओं की बैठक बुलाई. इस बैठक में ललित मोदी को मदद के मामले पर चर्चा हुई और पार्टी की आगे की रणनीति पर भी विचार किया गया.
बैठक में कहा गया कि सुषमा स्वराज मामले पर अपना रुख साफ कर चुकी हैं और वह सरकार को किसी फजीहत से बचाने के लिए इस्तीफा देने को भी तैयार हैं. सूत्रों के मुताबिक, संघ नेताओं ने उनका बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और उन्हें इस्तीफा देने से मना कर दिया गया.
संघ नेताओं ने यह भी कहा कि सुषमा ने ब्रिटिश प्रशासन से अपने संवाद में साफ कहा कि वह अपने नियमों के मुताबिक ही ललित मोदी की मदद करें. सूत्रों के मुताबिक, एक रणनीति के तहत अमित शाह, राजनाथ सिंह और संघ नेता इंद्रेश कुमार ने सुषमा स्वराज का बचाव किया.