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ललित मोदी का तुरंत प्रत्यर्पण भारत के लिए आसान नहीं, अभी और लगेगा लंबा वक्त

ऐसा लगता है कि आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी लंदन में बैठकर इसी तरह 'ट्वीट बम' गिराते रहेंगे. मोदी सरकार के लिए परेशानी का सबब बन चुके ललित मोदी को भारत लाने में अभी वक्त लगेगा.

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ललित मोदी (फाइल फोटो)
ललित मोदी (फाइल फोटो)

ऐसा लगता है कि आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी लंदन में बैठकर इसी तरह 'ट्वीट बम' गिराते रहेंगे. मोदी सरकार के लिए परेशानी का सबब बन चुके ललित मोदी को भारत लाने में अभी वक्त लगेगा.

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आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक, ललित मोदी को भारत प्रत्यर्पण कराने से पहले अभी कानूनी तौर पर तमाम सबूत जुटाने होंगे. इसमें कम से कम 6 महीने का वक्त लगेगा. अभी प्रवर्तन निदेशालय (ED) के पास ललित मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लायक सबूत भी नहीं है.

दरअसल, ललित मोदी का प्रत्यपर्ण भारत सरकार के लिए तुरंत करा पाना आसान नहीं है, क्योंकि बिना रेड कॉर्नर नोटिस के यह संभव नहीं और रेड कॉर्नर नोटिस के लिए सुनवाई पूरी होना जरूरी है. साथ ही सुनवाई पूरी होने में कम से कम 6 महीने लग सकते हैं. अभी रेड कॉर्नर नोटिस के लिए पुख्ता सबूत ED के पास नहीं है.

इस बार सुधांशु मित्तल को घेरा
ललित मोदी सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर एक के बाद एक खुलासे किए जा रहे हैं. सोनिया गांधी और वरुण गांधी के बाद अब उन्होंने बीजेपी नेता सुधांशु मित्तल को इस विवाद में लपेट लिया है. गुरुवार तड़के किए ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि सुधांशु मित्तल बताएं कि उनके हवाला कारोबारी विवेक नागपाल से क्या संबंध हैं?

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इससे पहले ललित ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की सेक्रेटरी ओमिता पॉल का भी नागपाल से संबंध बताया था. ताजा ट्वीट में उन्होंने लिखा है, 'पेश है दुनिया का सबसे बड़ा एक्सक्लूसिव. मैं बीजेपी नेता सुधांशु मित्तल से पूछना चाहता हूं कि उनके हवाला कारोबारी विवेक नागपाल के साथ क्या संबंध हैं? मैं सुधांशु मित्तल से सच जानना चाहता हूं.'

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