उत्तर प्रदेश की राजधानी की पूर्वी विधानसभा सीट से बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन के बेटे आशुतोष टंडन उपचुनाव लड़ रहे हैं. आशुतोष उर्फ गोपाल को जिताने के लिए पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी है.
इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र ने भी लखनऊ में ही डेरा डाल दिया है. लोकसभा चुनाव से पहले इस सीट से पार्टी के वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र ही विधायक थे. पार्टी ने उन्हें देवरिया सीट से टिकट दे दिया था. वे सांसद बन गए और इसी वजह से यह सीट खाली हो गई थी. अब कलराज पर ही इस सीट को बीजेपी के खाते में डालने की जिम्मेदारी भी है.
इस बड़ी जिम्मेदारी का आभास कलराज मिश्र को भी है. मिश्र कहते हैं, 'यह सीट बीजेपी की ही रही है. पहले भी यह पार्टी के पास थी और आगे भी उपचुनाव में पार्टी का उम्मीदवार ही यहां से विजयी होगा. ऐसा मेरा पूरा विश्वास है.'
लखनऊ पूर्वी विधानसभा सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार आशुतोष का सीधा मुकाबला समाजवादी पार्टी की जूही सिंह से है. जूही आशुतोष को कड़ी टक्कर दे रही हैं. बसपा के मैदान में न होने की वजह से इस सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी और सपा के बीच ही है.
सपा उम्मीदवर जूही सिंह अपनी जीत को लेकर आश्वस्त दिखती हैं. वे कहती हैं, 'मैं अपने लोगों के बीच हूं और मुझे पूरी उम्मीद है कि लोग मुझे स्वीकार करेंगे. मैं लोगों से तीन साल मांग रही हूं और मुझे उम्मीद है कि इस बार जनता मुझे मौका जरूर देगी.'
लालजी टंडन के बेटे आशुतोष को हालांकि साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान लखनऊ उत्तरी विधानसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा था. उस समय भी लालजी टंडन ने अपना पूरा जोर लगाया था, मगर अंदरूनी कलह आड़े आई और वह बेटे को जिताने में कामयाब नहीं हो पाए थे.
बीजेपी इस सीट को किसी भी हालत में अपने हाथ से जाने देना नहीं चाहती है, इसलिए कलराज मिश्र के साथ ही कई सांसदों को भी लगाया गया है, जो टंडन के बेटे को जिताने के लिए प्रचार कर रहे हैं. बस्ती से सांसद हरीश द्विवेदी, राज्यसभा सांसद कुसुम राय के साथ ही आसपास की लोकसभा सीटों के सांसद भी चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं.
वरिष्ठ पत्रकार पीएन द्विवेदी कहते हैं, 'पूर्वी विधानसभा सीट पर उपचुनाव में कांटे की टक्कर होगी. बाजी कौन मारेगा, अभी कहना मुश्किल है. उपचुनाव में दो केंद्रीय मंत्रियों राजनाथ सिंह व कलराज मिश्र की प्रतिष्ठा भी दांव पर होगी, क्योंकि उन पर भी बीजेपी उम्मीदवार को जिताने की जिम्मेदारी होगी.'
गौरतलब है कि यूपी में 11 विधानसभा सीटों व एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए 13 सितंबर को मतदान होना है.