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सुप्रीम कोर्ट ने दी लालू को अंतरिम राहत, सीबीआई अदालत के फैसला सुनाने पर रोक

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को अंतरिम राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को झारखंड में सीबीआई की विशेष अदालत को 15 जुलाई को चारा घोटाले से संबंधित मामले में फैसला सुनाने से रोक दिया. इस मामले में आरजेडी के मुखिया प्रमुख आरोपी हैं.

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आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को अंतरिम राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को झारखंड में सीबीआई की विशेष अदालत को 15 जुलाई को चारा घोटाले से संबंधित मामले में फैसला सुनाने से रोक दिया. इस मामले में आरजेडी के मुखिया प्रमुख आरोपी हैं.

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जस्टिस पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के सामने लालू प्रसाद यादव के वकील ने दलील दी थी कि चारा घोटाले के मुकदमे की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश पी के सिंह उनके साथ पक्षपात कर सकते हैं क्योंकि वह नीतीश कुमार सरकार में शिक्षा मंत्री पी के शाही के रिश्तेदार हैं. जजों ने इस दलील को विचार के लिए स्वीकार करते हुए कहा कि याचिका में उठाये गए इस सवाल पर विचार की आवश्यता है कि क्या यह आरोप सही है या नहीं.0 न्यायालय ने इसके साथ ही सीबीआई को नोटिस जारी किया.

न्यायाधीशों ने इस मामले में गेंद सीबीआई के पाले में डालते हुए कहा कि यदि जांच एजेंसी कहती है कि इसमें कोई पक्षपात नहीं है तो याचिका खारिज कर दी जाएगी.

न्यायालय ने जांच एजेंसी और झारखंड सरकार को दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए लालू प्रसाद की याचिका 23 जुलाई को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया.

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लालू प्रसाद की ओर से सीनियर वकील और हाल तक बीजेपी में रहे राम जेठमलानी ने कहा कि न्यायाधीश के नीतीश कुमार सरकार में मंत्री का रिश्तेदार होने के कारण उनके पक्षपात करने की आशंका है. उनका कहना था कि नीतीश कुमार तो लालू प्रसाद के सबसे बड़े राजनीतिक शत्रु हैं.

गौरतलब है कि यह मामला पीके सिंह की अदालत से किसी अन्य अदालत को स्थानांतरित करने के लिये राजद सुप्रीमो की याचिका झारखंड उच्च न्यायालय ने 1 जुलाई को खारिज कर दी थी. यह मामला 1990 के दौरान चायबासा राजकोष से कथित रूप से धोखाधड़ी करके 37.7 करोड़ रुपए निकाले जाने से संबंधित है.

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