रांची की बिरसा मुंडा जेल में कैदी नंबर 3312. आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की नई पहचान यही है. चारा घोटाले में सीबीआई कोर्ट में दोषी करार दिए जाने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया और इस फैसले की कड़वाहट रात के खाने तक उनके साथ रही. लालू ने जेल में करेले की भुजिया के साथ रोटी खाई और दूध पिया.
जेड प्लस सुरक्षा साथ रखना चाहते थे लालू
जेल में प्रवेश करते समय लालू गृह मंत्रालय की ओर से दी गई एनएसजी की जेड प्लस सुरक्षा अपने साथ ही रखना चाहते थे लेकिन अदालत ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी.
जेल में कैदी ने छू लिए पैर
लालू जेल पहुंचे तो कैदियों में मानो हलचल मच गई. एक ने तो पैर छूकर प्रणाम भी कर लिया. लालू को सीधे अपर डिविजन बैरक में ले जाया गया. मधु कोड़ा भी इसी बैरेक में ठहरे थे. लालू के बैरक में एक टेलीविजन भी रखा हुआ है. पहले उन्हें खाने के लिए चाय और बिस्किट दिया गया.
मायूस बैठे रहे पूर्व रेल मंत्री
थोड़ी देर के बाद लालू का मेडिकल चेकअप कराया गया. वह अपनी बैरक में निराश-मायूस बैठे रहे. रात 8 बजे के करीब लालू को जेल में पका खाना दिया गया. कभी बिहार के सबसे ताकतवर नेता रहे लालू ने जेल में करेली की भुजिया के साथ रोटी खाई और दूध पिया.
चौपट होगा करियर!
यह सारा घटनाक्रम लालू के सियासी इतिहास में दर्ज हो गया. जेल तो वह पहले भी गए थे. लेकिन इस बार अपनी सियासी तकदीर भी साथ लेकर गए. लोकतंत्र के मंच पर अब लालू का रोल खत्म हुआ समझिए. क्योंकि जिन धाराओं के वो गुनहगार हैं, उनमें कम-से-कम तीन साल की कैद तो होगी ही.
लालू को 3 अक्टूबर को सजा सुनाई जाएगी. उन्होंने इस फैसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. लेकिन उनके बेटे ने कहा कि वह इसके खिलाफ ऊपरी अदालत और जनता के दरबार में जाएंगे.