नीतीश कुमार के कट्टर विरोधी माने जाने वाले आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने लोकसभा चुनावों से ठीक पहले अपना गोल पोस्ट बदल डाला है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को नीतीश से ज्यादा बड़ा खतरा बताया है और चेतावनी दी है कि 2014 के चुनाव देश के लिए खतरनाक साबित होंगे.
पटना में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए लालू ने कहा कि बीजेपी जैसी सांप्रदायिक शक्तियां नीतीश कुमार से ज्यादा खतरनाक हैं. मुजफ्फरनगर दंगों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी सांप्रदायिक तनाव पैदा कर रही है, वह बिहार में हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण के मद्देनजर सांप्रदायिकता का जाल बुन रही है.
असली खतरा सांप्रदायिक ताकतें (बीजेपी)
लालू प्रसाद ने कहा, 'नीतीश कुमार अब कोई मुद्दा नहीं है बिहार में. असली खतरा सांप्रदायिक ताकतें हैं. हम मुजफ्फरनगर देख रहे हैं. नरेंद्र मोदी ने अपने करीबी अमित शाह को यूपी का प्रभारी बनाया. अब नतीजे दिख रहे हैं. कई लोग मारे गए.'
सांप्रदायिकता के तार बिछा रही है बीजेपी
उन्होंने कहा, 'बीजेपी जो वर्कर मीटिंग कर रही है, वो बैठक नहीं है बल्कि सांप्रदायिकता का तार बिछाया जा रहा है. हिंदू वोटरों के ध्रुवीकरण की साजिश रची जा रही है. नीतीश और उसके पुलिस की हिम्मत नहीं है कि मुकाबला कर सके. नीतीश खुद दंगा कराना चाहता है. बीजेपी जब से बिहार की सत्ता से बाहर हुई है, ऐसी तैयारियां ही कर रही है. आरजेडी के नेताओं को जिला मीटिंग करके गांव-गांव में जाकर बीजेपी की इस साजिश का भंडाफोड़ करना होगा. अगर किसी भी जगह अल्पसंख्यक के खिलाफ खतरा पैदा हो हमारे कार्यकर्ताओं को उन्हें बचाने के लिए जान तक दे देना चाहिए.'
2014 में खतरनाक स्थिति पैदा होने का अंदेशा
लालू प्रसाद यादव ने कहा, 'बिहार की जनता ने बीजेपी और नीतीश की दोस्ती देखी और अब बनावटी तलाक देख रही है. ऐसे समय में जब इतना उठापटक हो रहा है. 2014 का महादंगल बहुत नजदीक है. ये जो दंगल है, इसमें खतरनाक स्थिति है. देश के लिए, धर्म के लिए, भारत के लिए. यहां रहने वाले सभी धर्म के लोगों के लिए. विशेषकर नौजवानों के लिए. बहुत बड़ा संकट आने वाला है...तैयारी हो रही है. सांप्रदायिक ताकतें जिसको हमने बिहार में खत्म कर दिया था. फिर से जाग रहे हैं.'
नीतीश कुमार पर भी किया करारा प्रहार
लालू प्रसाद यादव ने कहा, 'नीतीश कुमार ने अपने उसूलों और सिद्धांतों को तिलांजलि देकर बापू के हत्यारों के साथ हाथ मिला लिया. इसकी वजह थी...गद्दी का लालच. इतना बड़ा सिद्धांतविहीन नेता विरले ही हमने देखा है. गलती मेरी भी है, शुरू के दिनों में मैंने नीतीश को नहीं पहचाना. भरोसा करके आगे बढ़ाया. पर मैंने गद्दी के लिए नीतीश कुमार को गिड़गिड़ाते हुए भी देखा है.'