राज्यसभा की सदस्यता से बसपा सुप्रीमो मायावती के इस्तीफे के बाद इस बात पर चर्चा होने लगी है कि उनका इस्तीफा मंजूर हो गया तो फिर राज्यसभा में कैसे जा पाएंगी. इस बीच अपने बेटे को लेकर सियासी उठापटक में उलझे आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मायावती को राज्यसभा भेजने का ऑफर दिया है. हालांकि, अभी मायावती का इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है और तकनीकी रूप से माना जा रहा है कि सभापति ये इस्तीफा स्वीकार नहीं करेंगे लेकिन उससे पहले ही मायावती के पक्ष में विपक्ष की गोलबंदी शुरू हो गई है.
लालू यादव ने कहा कि मायावती सदन में दलितों की आवाज उठा रही थीं, लेकिन बीजेपी के सदस्यों ने उन्हें बोलने नहीं दिया. लालू ने कहा इस बात में कोई शक नहीं कि मायावती देश की दलित नेता हैं और उन्हें सदन में दलितों की बात नहीं रखने दी गई. उन्होंने कहा अगर मायावती सहमत होती हैं तो वो अपनी पार्टी के कोटे से उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाने के लिए तैयार हैं.
दरअसल, बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का राज्यसभा में कार्यकाल अप्रैल 2018 में खत्म हो रहा है. प्रदेश की विधानसभा में पार्टी के पास इतने आंकड़े नहीं हैं कि 2018 में वह एक बार फिर राज्यसभा में पहुंच सके. मुख्य रूप यूपी की राजनीति करने वाली मायावती की पार्टी को 2017 के विधानसभा चुनाव में 403 सीटों में से महज 19 सीटें मिलीं. वहीं उससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में यूपी में बीएसपी खाता भी नहीं खोल पाई थी. यही वजह है कि लालू यादव ने उन्हें अपनी पार्टी से राज्यसभा भेजने का ऑफर दिया है.Spoke with Mayawati Ji in length. Offered & requested her to be Rajyasabha MP frm Bihar to fight against atrocities & divisive agenda of BJP
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) July 18, 2017
हालांकि, अभी तक मायावती का इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है. जिसकी एक वजह ये भी कि उन्होंने तीन पन्नों का त्यागपत्र सौंपा है, जो नियमों के खिलाफ है. ऐसे में फिलहाल उनका इस्तीफा मंजूर होना मुमकिन नहीं है.