scorecardresearch
 

आरजेडी नेता शिवानंद बोले- लालू को फांसी पर लटका दो, भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा!

उन्होंने कहा कि ये संविधान में प्रावधान है कि किसी भी व्यक्ति को एक केस में अलग-अलग सजा नहीं दी जा सकती है. लेकिन लालू यादव के साथ ऐसा हो रहा है. लालू को फांसी दे दो, देश से भ्रष्टाचार मिट जाएगा.

Advertisement
X
लालू प्रसाद यादव
लालू प्रसाद यादव

Advertisement

चारा घोटाले के दुमका कोषागार मामले में लालू यादव को 7 साल की सजा पर आरजेडी बिफर पड़ी है. मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि लालू को फांसी दे दो. देश से भ्रष्टाचार मिट जाएगा.

उन्होंने कहा कि ये संविधान में प्रावधान है कि किसी भी व्यक्ति को एक केस में अलग-अलग सजा नहीं दी जा सकती है. लेकिन लालू यादव के साथ ऐसा हो रहा है. लालू को फांसी दे दो, देश से भ्रष्टाचार मिट जाएगा.

तिवारी ने कहा कि मान लीजिए लालूजी ही साजिश के तहत दोषी हैं, मगर संविधान कहता है किसी भी व्यक्ति को एक अपराध के लिए बार-बार दंडित नहीं किया जा सकता है. लेकिन यहां अलग ढंग से कानून की व्याख्या हो रही है. ऐसे में न्याय व्यवस्था पर सवाल उठना लाजिमी है.

Advertisement

तेजस्वी ने ऊपरी अदालत में जाने के दिए संकेत

मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि हम अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं. हालांकि उन्होंने इस बात के भी संकेत दिए हैं कि पार्टी लालू की सजा के खिलाफ ऊपरी अदालत भी जा सकती है.

गिरिराज बोले- जैसी करनी, वैसी भरनी

बीजेपी नेता ने गिरिराज सिंह ने कहा कि जैसी करनी, वैसी भरनी. उन्होंने कहा कि ये कोई पार्टी का मामला नहीं है, जैसी करनी, वैसी भरनी.

लालू को सात साल की सजा

चारा घोटाला के दुमका कोषागार केस में दोषी पाए जाने के बाद लालू यादव को 7 साल की सजा सुनाई गई है. रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने उन्हें 7 साल की सजा सुनाई है. साथ ही उन पर 30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

चारा घोटाले के चौथे मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को दोषी करार दिया. इसी मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को बरी कर दिया गया.

न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 तक दुमका कोषागार से फर्जी तरीके से 3.13 करोड़ रुपये निकालने के मामले में यह फैसला सुनाया है.

Advertisement
Advertisement