एक तरफ कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी सरकार के खिलाफ देश में जमीन तैयार कर रहे हैं. वहीं सरकार के सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी गांव-गांव घूमकर किसानों को सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल के पक्ष में करने की कोशिश कर रहे है.
चरखी दादरी में किसानों के बीच माइक संभालने के साथ नितिन गडगरी ने मोदी सरकार का एक मोर्चा भी संभाला है. सरकारी तौर पर जिम्मेदारी भले ही सड़क और परिवहन मंत्रालय की है, मगर हरियाणा के खाप पंचायतों के साथ बैठक में शामिल हुए गडकरी अपनी सरकार की बनती किसान विरोधी छवि तोड़ने की कोशिश करते नजर आए.
उन्होंने कहा, 'हमें बदनाम किया जा रहा है कि हम जमीन कॉरपोरेट को देने वाले हैं. लैंड बिल में से दो बिल हटाएं हैं जिस परिवार से जमीन उसके एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी. हाईवे प्रोजेक्ट में 3 परसेंट की इक्विटी शेयर दी जाएगी.'
ये जमीन ही तो जान ले रही है सरकार की. किसानों के बीच गडकरी ने सबसे पहले संबोधित भी इसे ही किया. जमीन अधिग्रहण बिल पर विपक्ष की रणनीति को सिर्फ भ्रम फैलाने की कोशिश करार दिया. गडकरी के लिए असल मुद्दा यही था. इस पर सरकार की यही बात पहुंचाने के लिए हरियाणा की खाप पंचायतों की बैठक बुलाई गई थी. गडकरी ने कहा विपक्ष सिर्फ आंख मूंद कर सरकार के हर काम को कठघरे में खड़ा कर रहा है. बयानों को तोड़ मरोड़कर पेश कर रहा है.
उन्होंने कहा, 'मैंने किसानों को कहा था कि भगवान और सरकार पर भरोसा न करें, लेकिन राहुल गांधी ने संसद में गलत ढंग से पेश किया.'