इसके साथ ही लोकसभा के बजट सत्र को तीन दिन के लिए और बढ़ा दिया गया है. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक यह सत्र कल समाप्त होना था जो अब 13 मई तक चलेगा.
इस विधेयक को बीते मार्च महीने में लोकसभा में पारित किया गया था, लेकिन राज्यसभा में सरकार की ओर से इसे पेश नहीं किया जा सका था, जिसके बाद अध्यादेश फिर से जारी किया गया था.
भूमि अधिग्रहण को लेकर फिर से जारी किए गए अध्यादेश की प्रति बीते 20 अप्रैल को लोकसभा में और 23 अप्रैल को राज्यसभा में पेश की गयी थी. इस विधेयक को पारित कराने की योजना के तहत सरकार ने आज लोकसभा के वर्तमान सत्र को तीन दिनों के लिए बढ़ा दिया.
सरकार में सूत्रों ने कहा कि दोनों सदन में इस विधेयक को पारित कराने का प्रयास किया जाएगा. सूत्रों ने कहा कि बुधवार को हुई कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजे का अधिकार एवं पारदर्शिता, पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन विधेयक-2015 को लोकसभा में पेश करने का फैसला किया गया.
बीते 10 मार्च को इस विधेयक को लोकसभा में पारित किया गया था. विपक्ष के पुरजोर विरोध के बाद सरकार इस विधेयक को राज्यसभा में पेश नहीं कर सकी. पिछले साल 31 दिसंबर को लागू भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पांच अप्रैल को निष्प्रभावी हो गया था जिसके बाद सरकार फिर से अध्यादेश लेकर आई.
कांग्रेस तथा दूसरे विपक्षी दल इस विधेयक को लेकर सरकार को घेर रहे हैं. वे इसे 'किसान विरोधी' बता रहे हैं. ऐसी भी चर्चा है कि सरकार इस विधेयक को संसद की संयुक्त समिति के पास भेजने का सुझाव दे सकती है ताकि इस पर सहमति बनाई जा सके.
इनपुट: IANS