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केदारनाथ तक नई सड़क के लिए भूमि अधिग्रहण पूरा, 17.51 करोड़ रुपये में डील

उत्तराखंड सरकार ने केदारनाथ मंदिर पहुंचने के लिये 50 फुट चौड़ी सड़क और उसके दोनों ओर 30 फुट चौड़े क्षेत्र विकसित करने के लिए भूमि अधिग्रहण का काम पूरा कर लिया है. इससे मंदिर के आसपास चल रहे पुनर्निर्माण कार्य को गति मिलने की संभावना है.

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केदारनाथ मंदिर (फाइल फोटो)
केदारनाथ मंदिर (फाइल फोटो)

उत्तराखंड सरकार ने केदारनाथ मंदिर पहुंचने के लिये 50 फुट चौड़ी सड़क और उसके दोनों ओर 30 फुट चौड़े क्षेत्र विकसित करने के लिए भूमि अधिग्रहण का काम पूरा कर लिया है. इससे मंदिर के आसपास चल रहे पुनर्निर्माण कार्य को गति मिलने की संभावना है.

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जमीन अधिग्रहण में लगे दो साल
रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी राधव लंगर ने बताया कि जून 2013 की प्राकृतिक आपदा से सबसे ज्यादा तबाह हुए मंदिर के आसपास पुनर्निर्माण के लिए राज्य सरकार के मास्टर प्लान के मुताबिक नई सड़क पुरानी के मुकाबले काफी चौड़ी होगी. उन्होंने कहा, 'यह एक महत्वपूर्ण बात है. सरकार ने मंदिर तक पहुंचने के लिए आखिरकर भूमि का अधिग्रहण कर लिया है. इससे केंदारनाथ मास्टर प्लान को लागू करने का रास्ता साफ हो गया है.' अधिकारी ने कहा कि पिछले दो साल से यह मामला लंबित था.

डीएम लंगर ने कहा कि जिला प्रशासन, जन प्रतिनिधियों और केदारपुरी में आपदा आने से पहले अपनी निजी भूमि पर लॉज और धर्मशाला चलाने वाले तीर्थ पुरोहितों के बीच हुई कई दौर की बैठकों के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो सकी. जिलाधिकारी ने कहा कि कुल 4560.03 वर्ग मीटर निजी भूमि का अधिग्रहण किया गया. केदारपुरी में दूसरी जगह उसके बराबर भूमि उनके मालिकों को दे दी गयी.

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ये है केदारनाथ का मास्टर प्लान
डीएम ने बताया कि सरस्वती नदी पर बैली ब्रिज को पार करने के बाद मंदिर के लिए प्रस्तावित 50 फुट चौड़ा रास्ता और उसके दोनों ओर 30-30 फीट के क्षेत्र में आने वाली इमारतों और भूमि को विशेष श्रेणी समूह में रखा गया है. इनके मालिकों (तीर्थ पुरोहितों) के लिये विशेष मुआवजा नियम बनाए गए हैं.

तीर्थ पुरोहितों को कहा गया कि अगर वे अपनी निजी भूमि सरकार को देने तथा उसके बदले में और कहीं सरकारी जमीन लेने के लिये राजी हैं तो उन्हें विशेष मुआवजा दिया जायेगा.

327 परिवार, 85 समझौते
इस भूमि अधिग्रहण के लिए पिछले साढ़े तीन महीनों में राज्य सरकार और 327 परिवारों के बीच कुल 85 समझौतों पर दस्तखत किये गए हैं. लंगर ने बताया कि इस प्रक्रिया में सरकार को कुल 17.51 करोड़ रूपए का मुआवजा देना होगा. उन्होंने बताया कि प्रभावित परिवारों को करीब साढे नौ करोड रूपए दिये जा चुके हैं जबकि जरूरी औपचारिकताओं के बाद बाकी धनराशि का भी भुगतान कर दिया जायेगा.

डीएम को मिले विशेष अधिकार
जिलाधिकारी को राज्य सरकार ने केदारनाथ में पुनर्वास के लिए पुनर्वास आयुक्त नामित किया है और इस मामले में किसी सेटलमेंट तक पहुंचने के लिए उन्हें विशेष अधिकार भी दिए गए हैं.

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भाषा से इनपुट

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