ऐसा लगता है कि अन्ना हजारे के आंदोलन से पहले ही मोदी सरकार बैकफुट पर आ गई है. केंद्र सरकार के वरिष्ठ सूत्रों ने बताया कि आने वाले दिनों में भूमि अधिग्रहण अध्यादेश में संशोधन किया जा सकता है.
बहुत कठिन है डगर भूमि अधिग्रहण की
केंद्र भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर पुनर्विचार के मूड में दिख रहा है और किसानों की चिंताओं का इसमें समावेश किए जाने की संभावना है. इस मुद्दे पर वरिष्ठ मंत्रियों के साथ विचार विमर्श करने वाले एक प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने यह दावा किया है.
विभिन्न संगठनों के किसान नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से उनके आवास पर मुलाकात की और भूमि अधिग्रहण कानून में अध्यादेश के जरिए किए गए बदलावों पर चिंता जाहिर की. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तथा ग्रामीण विकास मंत्री बीरेन्द्र सिंह भी बैठक में मौजूद थे.
अध्यादेश के खिलाफ किसान संगठनों के प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में यह मुलाकात हुई. इन संगठनों में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ और विपक्षी पार्टियों से जुड़े किसान संगठन भी शामिल थे. सरकार विवादास्पद अध्यादेश पर संसदीय मंजूरी लेने के लिए बजट सत्र में विधेयक पर आगे बढ़ने पर दृढ़ है.
हालांकि मंत्रियों इस मसले पर मीडिया से कोई बात नहीं की लेकिन भारतीय किसान यूनियन के युद्धवीर सिंह, भारतीय कृषक समाज के कृष्ण बीर चौधरी और राष्ट्रीय किसान संगठन के पुनीत सिंह थिंड ने संवाददाताओं को बताया कि उन्हें इस बात का विश्वास है कि बीजेपी सरकार उनकी शिकायतें सुनेगी और कानून में उचित बदलाव करेगी.
इनपुट-भाषा