भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर सरकार पर लगातार दबाव है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को बिल के मुद्दे पर कहा कि सरकार बिल पर विपक्षी पार्टियों से बात करना चाहती है. केंद्र के लिए ये विधेयक प्रतिष्ठा का मुद्दा नहीं है. साल 2013 में लाए कानून को बदलने की जरूरत है.
जेटली ने कहा कि उनकी सरकार ने वास्तविक विधेयक में नौ संशोधन किए हैं और इसके बाद भी वह
विपक्षी पार्टियों के साथ बैठकर चर्चा के लिए तैयार हैं. अगर विपक्ष के पास कोई सुझाव है, जो देश के लाभकारी साबित हो
सकता है, तो हम उसपर चर्चा के लिए तैयार हैं.
याद रहे कि जेटली की ये टिप्पणी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के उस बयान के एक दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने अध्यादेश को लेकर सरकार पर उद्योगपतियों का पक्ष लेने का आरोप लगाया था और इसे आधे सच का धुंआधार प्रदर्शन करार दिया था.
केंद्र सरकार ने अध्यादेश को दोबारा जारी करने के लिए राज्य सभा का सत्रावसान करने का शुक्रवार को फैसला किया है, क्योंकि ऊपरी सदन में बहुमत न होने के कारण विधेयक अटका पड़ा है.
इनपुट भाषा