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पासवान ने भूमि बिल पर दी खुली बहस की चुनौती

नितिन गडकरी के बाद अब खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने भूमि अधिग्रहण बिल पर बहस की खुली चुनौती दी है.

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रामविलास पासवान की फाइल फोटो
रामविलास पासवान की फाइल फोटो

नितिन गडकरी के बाद अब खाद्य व उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने भूमि अधिग्रहण बिल पर बहस की खुली चुनौती दी है. पटना में रामविलास पासवान ने मोदी सरकार के जमीन अध्यादेश की तारीफ में जमकर कसीदे पढ़े और कहा कि इस बिल से ज्यादा हितैषी लैंड बिल दूसरा नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि चाहे सोनिया हों या फिर अन्ना हजारे, वो सभी इस पर सिर्फ राजनीति कर रहे हैं.

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पासवान ने कहा कि इस बिल में सिर्फ सरकारी योजनाओं के लिए जमीन ली जाएगी. बंजर भूमि ही ली जाएगी, उपजाऊ भूमि देने या नहीं देने का अधिकार राज्य सरकारों के पास रहेगा. उनके मुताबिक, हर जमीन अधिग्रण के साथ किसान और खेतिहर मजदूर के परिवार को नौकरी मिलेगी, लेकिन काम शुरू नहीं होने पर पांच साल के बाद भूमि लौटाने का अधिकार अव्यावहारिक है, क्योंकि कई प्रोजेक्ट्स के बनने में या पास होने में कई सालों का वक्त लगता है, ऐसे में विपक्ष की ये मांग गलत है. बतौर पासवान, इस बिल पर उनकी पार्टी को भी शुरू में कुछ आपत्ति थी, लेकिन वो सब दूर हो चुकी है.

बहरहाल जमीन बिल पर पासवान ने बिहार में मोर्चा संभालने के संकेत दे दिए हैं. लालू और नीतीश दोनों इस मुद्दे पर नरेंद्र मोदी को घेर रहे हैं.

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