scorecardresearch
 

5 अप्रैल को निष्प्रभावी हो सकता है भूमि अध्यादेश

सरकार की ओर से 5 अप्रैल को विवादास्पद भूमि अध्यादेश को निष्प्रभावी होने दिया जा सकता है. इस अध्यादेश के खिलाफ विपक्ष और किसानों के विरोध प्रदर्शनों के बीच सरकार यह कदम उठा सकती है.

Advertisement
X
Land Ordinance
Land Ordinance

सरकार की ओर से 5 अप्रैल को विवादास्पद भूमि अध्यादेश को निष्प्रभावी होने दिया जा सकता है. इस अध्यादेश के खिलाफ विपक्ष और किसानों के विरोध प्रदर्शनों के बीच सरकार यह कदम उठा सकती है.

Advertisement

मंगलवार सुबह बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक में भूमि बिल पर सरकार की रणनीति पर भी चर्चा हुई. सूत्रों के मुताबिक, सरकार राज्यसभा में भूमि बिल पर और संशोधन लाएगी. साथ ही विपक्ष और संघ के मजदूर और किसान संगठनों से भी चर्चा होगी. सरकार बिल को बजट के दूसरे चरण में पास कराने की कोशिश करेगी. सूत्रों के मुताबिक, संशोधन के बाद भी विपक्ष नहीं माना तो संयुक्त सत्र बुलाया जा सकता है.

हालांकि एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री ने मंगलवार को कहा, ‘यह 5 अप्रैल को निष्प्रभावी होना है. हम तब देखेंगे कि आगे क्या किया जा सकता है.’ सरकार ने पिछले साल 31 दिसंबर को भूमि अधिग्रहण पर एक अध्यादेश जारी किया था. इस अध्यादेश की जगह लेने वाले विधेयक को 23 फरवरी से शुरू हुए बजट सत्र में संसद में लाया गया था.

Advertisement

साल 2013 के भूमि अधिग्रहण विधेयक में संशोधन के लिए लाए गए इस नये विधेयक को लोकसभा ने पारित कर दिया है. यह विधेयक राज्यसभा में अटक गया क्योंकि पूरा विपक्ष इसके खिलाफ एकजुट हो गया और सत्तारूढ़ एनडीए के पास पर्याप्त संख्या बल नहीं है.

बजट सत्र का 20 अप्रैल से अवकाश हो गया है लिहाजा अध्यादेश को फिर से जारी करने के लिए संसद का सत्रावसान करना पड़ेगा.

सूत्रों ने संकेत दिए कि सरकार बजट सत्र का अवकाश के दौरान सत्रावसान करने का असामान्य कदम उठाने को इच्छुक नहीं है क्योंकि इससे कोई मकसद हल नहीं होगा और इससे एनडीए पर दंभ का आरोप लग सकता है. सरकार को गठित हुए अभी एक साल भी पूरे नहीं हुए हैं.

सरकार में यह चिंतन चल रहा है कि राज्यों में नियम नहीं बनाये गये हैं तथा ऐसे में वे नये अध्यादेश के तहत भूमि अधिग्रहीत नहीं कर पायेंगे.

सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा बड़े स्तर पर निवेश वाली कोई परियोजन लंबित नहीं है लिहाजा अध्यादेश को फिर से जारी करने के मामले में जल्दबाजी दिखाने की कोई आवश्यकता नहीं है. यदि सत्रावसान किया जाता है तो सरकार की अनावश्यक आलोचना होगी.

सरकार में यह भी विचार चल रहा है कि 8 मई को बजट सत्र संपन्न होने के बाद अध्यादेश को फिर से जारी किया जा सकता है.

Advertisement

(इनपुट: भाषा)

Advertisement
Advertisement