गोरा बनाने का दावा करने वाली फेयरनेस क्रीम को लेकर सांसदों ने संसद में विरोध दर्ज किया है. अखबार, टीवी, हॉर्डिग और रेडियो पर आने वाले फेयरनेस क्रीम के विज्ञापनों पर संसद में खूब हंगामा हुआ. गारे रंग को लेकर महिलाओं में हीन भावना पैदा करने वाले इन विज्ञापनों पर सांसदों ने ऐतराज जताया है.
कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने इस मुद्दे पर ये कहा है कि गोरे रंग का सपना दिखाने वाली इन फेयरनेस क्रीम के विज्ञापनों में गोरे रंग को विशेषता के तौर पर पेश किया जाता है. उन्होंने कहा कि 'सफलता के लिए इंसान का रंग नहीं बल्कि दिमाग की जरूरत होती है. इसके उदहारण हैं मिशेल ओबामा और बराक ओबामा पूरी दुनिया उनका सम्मान करती है. विश्व बराक ओबामा को उनके रंग के लिए नहीं उनके काम के लिए जानता है.'
दरअसल इस मुद्दे को राज्य सभा में उठाते हुए कई महिला सांसदों ने फेयरनेस क्रीम के विज्ञापनों पर सवाल उठाये थे उन्होंने कहा की विज्ञापनों की भाषा महिलाओं के सम्मान के खिलाफ है. कांग्रेस सांसद विप्लव ठाकुर ने राज्य सभा में शून्य काल के दौरान अलग अलग कंपनियों की फेयरनेस क्रीम का मुद्दा उठाया उन्होंने कहा की ऐसी क्रीम महिलाओं में हीन भावना पैदा करती है. सरकार को ऐसी फेयरनेस क्रीम पर रोक लगाने के लिए कदम उठाना चाहिए.