एफबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली और पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर हुसैन राणा के खिलाफ दायर किए गए आरोप पत्र में कहा गया है कि लश्कर ए तैयबा के पाकिस्तान में बैठे आका बंधकों को छोड़ने के एवज में मुम्बई हमलों में जीवित पकड़े गए आतंकवादी आमिर अजमल कसाब को रिहा कराना चाहते थे.
हेडली और राणा के खिलाफ दायर 12 अरोपों में मुम्बई हमलों की पूरी योजना और लश्कर ए तैयबा द्वारा मुम्बई हमलों के दौरान अपने लोगों को दिए गए निर्देशों का पूरा ब्यौरा दिया गया है. राणा और हेडली पर मुम्बई हमलों के लिए लश्कर ए तैयबा को साजो सामान उपलब्ध कराने और जमीनी खाका तैयार करने का आरोप लगाया गया है.
हमलों के दौरान बंदूकधारी आतंकवादी फोन पर लश्कर ए तैयबा के तीन नेताओं के संपर्क में थे जिनकी पहचान ए बी और सी के रूप में की गई है और ये तीनों नेता उस समय पाकिस्तान में बैठे थे. आरोप पत्र में कहा गया है ‘‘लश्कर के सदस्य ‘ए’ ने बंधकों को छोड़ने के बदले में कसाब को रिहा करने की मांग रखी थी.’’
आरोप पत्र के अनुसार 10 पाकिस्तानी युवकों को लश्कर ए तैयबा ने जुलाई-अगस्त 2008 में कड़ा प्रशिक्षण दिया था. मुम्बई पर हमला करने वालों को लड़ाई के तौर तरीकों कमरे में प्रवेश तथा तैरने सहित कई तरह का प्रशिक्षण दिया गया था. मुम्बई में विभिन्न जगहों पर हुए हमलों में छह अमेरिकियों सहित 166 लोग मारे गए थे.