उत्तराखण्ड के हरिद्वार में गंगा किनारे आयोजित कुम्भ मेले के अंतिम स्नान का आज समापन हो गया. इस अवसर पर सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने सामूहिक रूप से सांकेतिक स्नान किया.
उल्लेखनीय है कि बैशाख पूर्णिमा का स्नान पूरी तरह से बैरागी अखाड़ों का स्नान माना जाता है, लेकिन इस बार परम्परा से अलग बैरागी अखाड़ों ने धूम धाम से स्नान करने की बजाय सभी 13 अखाड़ों के साथ मिलकर स्नान किया.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत ज्ञानदास ने कहा कि अभी तक बैशाख पूर्णिमा पर बैरागी अखाड़ों के स्नान की परम्परा रही है, लेकिन इस बार मलमास लगे होने के कारण 14 अप्रैल को ही बैरागी अखाड़ों ने कुम्भ का अंतिम स्नान कर लिया, क्योंकि मलमास के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते.
उन्होंने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है कि सभी 13 अखाड़ों ने एक साथ स्नान किया हो. मेला एसपी अजय जोशी ने कहा कि सुबह से दोपहर 12 बजे तक सात लाख लोगों ने गंगा का स्नान किया. उन्होंने उम्मीद जताई कि शाम तक यह संख्या 10 लाख तक पहुंच जाएगी.
उन्होंने कहा कि मेले के दौरान सुरक्षा के लिए तैनात सुरक्षा बलों में से बाहर से आए 60 प्रतिशत सुरक्षाबलों को वापस उनके संबंधित कैम्प पर भेज दिया गया है, बाकि बचे सुरक्षाकर्मियों को रवाना कर दिया जाएगा.