सुप्रीम कोर्ट द्वारा निजता के अधिकार को नागरिक का मौलिक अधिकार बताने के बाद केंद्र सरकार अपने बयानों पर यूटर्न लेती दिख रही है. इसी के तहत कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बयान दिया है कि सरकार निजता के हक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करती है. यही नहीं रवि शंकर प्रसाद ने जानकारी दी कि सरकार ने डेटा प्रोटेक्शन के लिए एक बड़ी शक्तिशाली कमिटी भी बनाई है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के फैसले से केंद्र सरकार की उस दलील को बड़ा झटका लगा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि निजता मौलिक अधिकार नहीं है.
कांग्रेस पर किया वार
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट के बहाने कांग्रेस पर वार किया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को अपना होमवर्क सही ढंग से करना चाहिए. यूपीए शासनकाल के दौरान आधार कार्ड पर कोई भी कानूनी सुरक्षा नहीं थी. बीजेपी सरकार ने आधार कानून बनाया और डेटा को सुरक्षित करने के लिए लीगल फ्रेमवर्क विकसित किया. वहीं कोर्ट ने भी आधार पर फैसला नहीं सुनाया है, फैसला निजता के अधिकार पर दिया गया है. रविशंकर ने कहा कि अगर कोई प्राइवेट बैंक डेटा शेयर करना चाहेगा तो उसे ऐसा आधार एक्ट के तहत करना होगा.निजता पर बात करते हुए रविशंकर प्रसाद इमरजेंसी का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस बात की जानकारी सबको है कि इमरजेंसी के दौरान कांग्रेस द्वारा लोगों के व्यक्तिगत अधिकारों का किस तरह सुरक्षा की गई. यही नहीं रविशंकर ने कहा कि राजीव गांधी ने कहा था कि 1 रुपया भेजो तो जमीन पर 15 पैसे पहुंचते हैं वहीं मोदी सरकार में 1 हजार भेजो तो 1 हजार ही पहुंच रहे हैं.
सेफ है आधार कार्ड
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आधार कार्ड के इस्तेमाल पर सवाल उठने पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भरोसा दिया कि आधार कार्ड पूरी तरह सेफ और सुरक्षित है. आधार कार्ड सिस्टम कम जानकारी और अधिक इस्तेमाल के सिद्धांत पर काम करती है. पूरे विश्व ने आधार कार्ड सिस्टम की तारीफ की है. इसकी मदद से केंद्र सरकार ने पिछले तीन सालों से 57 हजार करोड़ रकम को सुरक्षित किया है, जो बिचोलियों के हिस्से चली जाती थी. आधार कार्ड में व्यक्तिगत जानकारी तक पहुंच बनाने के लिए एक मजबूत प्रणाली से होकर गुजरना पड़ेगा.
कोर्ट ने हमारी बातों को दोहराया
मुख्य न्यायधीश जे.एस. खेहर की अध्यक्षता में 9 जजों की बेंच ने इस फैसले को सुनाया. फैसले में सबसे बड़ी बात यही रही किे सभी जज एकमत रहे, भले ही उन्होंने अपने फैसले के लिए अलग अलग तर्क दिया. इस फैसले के बाद कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेसकॉन्फ्रेंस कर सरकार का पक्ष रखा. रविशंकर प्रसाद के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने वही बात दोहराई है, जो सरकार ने संसद में आधार बिल को पेश करते समय कही थी. रविशंकर प्रसाद ने बताया कि उस दौरान अरुण जेटली ने कहा था कि आधार एक्ट में इस धारणा को ध्यान में रखा गया है कि निजता का अधिकार नागरिकों का मौलिक अधिकार है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा 9 जजों की बेंच बनाने से पहले ही सरकार ने इस का स्वीकारा था कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है. हालांकि रवि शंकर ने कहा कि निजता का अधिकार स्वाधीनता के अधिकार का हिस्सा है और इस वजह से यह अधिकार सीमित है. अटॉर्नी जनरल ने भी यही बात दोहराई है कि निजता का अधिकार दूसरे अधिकारों की तरह शर्तो से जुड़ा हुआ है और पूर्ण नहीं है. रविशंकर प्रसाद ने जानकारी दी कि सरकार ने डेटा प्रोटेक्शन के लिए एक कमिटी भी बनाई है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी इस बात पर जोर दिया कि व्यक्तिगत हित और राज्य हित के बीच तालमेल बैठाने के लिए एक मजबूत डेटा सिस्टम को बनाने की जरूरत है.