कुछ दिन पहले ही पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रह्मण्यम ने सुप्रीम कोर्ट का जज बनने से इनकार करते हुए अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी. अब खबर है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक अन्य वरिष्ठ वकील उदय ललित को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने का निर्णय लिया है.
खबरों के अनुसार, 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में स्पेशल प्रोसिक्यूटर रहे उदय ललित को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया जाएगा. ललित इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के लिए भी वकालत कर चुके हैं. ललित ने दो हाई प्रोफाइल आपराधिक मामलों में अमित शाह की ओर से केस लड़ा है.
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने तीन हाई कोर्ट के जजों के साथ ही ललित का नाम भी सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किए जाने के लिए सुझाया है. ललित ने सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति फर्जी एनकाउंटर मामले में अमित शाह की पैरवी की थी. इन दोनों मामलों में अमित शाह पर हत्या और हत्या की साजिश रचने का आरोप था.
कुछ ही दिन पहले पूर्व सालिसिटर जनरल गोपाल सुब्रह्मण्यम ने सुप्रीम कोर्ट का जज बनने से मना कर दिया था, जिससे अच्छा-खासा विवाद हो गया था. सुब्रह्मण्यम ने बीजेपी सरकार से समर्थन नहीं मिलने के कारण सुप्रीम कोर्ट का जज बनने की अपनी उम्मीदवारी को वापस ले लिया था. इस विवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट के जज के मामले में यह नया डेवलपमेंट है.
पिछली यूपीए सरकार के कार्यकाल में 56 साल के सुब्रह्मण्यम सॉलिसिटर जनरल थे. उन्होंने मौजूदा एनडीए सरकार के उस फैसले पर ‘निराशा’ जताई थी, जिसमें कॉलेजियम से सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर उनके नाम पर पुनर्विचार करने को कहा गया, जबकि तीन और लोगों की उम्मीदवारी के प्रस्ताव मंजूर कर लिए गए हैं.
कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरुण मिश्रा, उड़ीसा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल और वरिष्ठ वकील रोहिंटन नरिमन के नाम पर पहले ही मुहर लग चुकी है. वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट का जज बनने वाले जस्टिस एन संतोष हेगड़े अंतिम जज थे. उन्हें 1999 में सीधे सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था.