उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती की घोषित सम्पत्ति को लेकर विपक्षी दलों द्वारा की जा रही आलोचना पर बसपा ने शुक्रवार को पलटवार करते हुए कहा कि सभी दलों के मुखिया और नेता पहले अपने गिरेबां मे झांके और अपनी अपनी संपत्तियों का भी स्रोतों सहित खुलासा करें.
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद सतीश चन्द्र मिश्र ने मुख्यमंत्री मायावती की तरफ से संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री ने कभी भी अपना धन नही छिपाया और समय समय पर स्रोतों सहित सम्पत्ति का पूरा ब्यौरा दिया है और विपक्षी उनकी घोषित सम्पत्ति को लेकर नाहक आलोचना कर रहे है. बेहतर होगा कि सभी दल पहले अपने गिरेबां मे झांके और तब आलोचना करे.
मिश्र ने बताया कि मायावती ने देश के सभी दलों के मुखियाओं व वरिष्ठ पदाधिकारियो एवं नेताओं को राजनीति मे आने से पहले और आने के बाद अपनी सम्पत्ति की सार्वजनिक घोषणा करने की चुनौती दी है. उन्होंने कहा है कि सभी पार्टियों के मुखियाओं व अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों एवं नेताओं को राजनीति में आने से पहले और उसके बाद किन किन स्रोतो से सम्पत्ति बनाई है, उनको भी देश की जनता के समक्ष खुलासा करना चाहिए. {mospagebreak}
गौरतलब है कि मायावती द्वारा 26 मई को विधान परिषद का पर्चा दाखिल करने के साथ अपनी सम्पत्ति का जो ब्यौरा दिया था उसको लेकर विरोधी दलों ने आलोचना करते हुए बसपा मुखिया की दिनो दिन बढ़ती सम्पत्ति की सीबीआई से जांच कराये जाने की मांग की थी. मायावती ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति तो यह है कि जो लोग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं वे खुद खरबों की बेनामी सम्पत्तियों के मालिक बने हुए है और ऐसे लोगो को अपना मुंह खोलने से पहले अपने गिरेबां में झांककर देखना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को भी चाहिए कि वह जनता के सामने अपनी अर्जित समस्त सम्पत्तियों का ईमानदारी से खुलासा करे क्योंकि आज की स्थिति में आमतौर पर राजनीतिक दलो के प्रमुख एवं उनके वरिष्ठ पदाधिकारी व नेता, खरबों की बेनामी सम्पत्ति के मालिक होने के बाद भी केवल कुछ ही सम्पत्ति का खुलासा जनता के सामने करते हैं.
अपने मुख्य प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वह राजनीति में आये तो उनके पास कुछ बीघे जमीन और एक साइकिल के अलावा कुछ भी नही था लेकिन अपने राजनीतिक सफर के दौरान मुलायम सिंह यादव एवं उनके नजदीकी रिश्तेदार आज भारी भरकम नामी एवं बेनामी सम्पत्ति के मालिक बन बैठे है. {mospagebreak}
मायावती ने कहा कि लगभग यही स्थिति विभिन्न राजनीतिक दलों के मुखियाओं, पदाधिकारियों एवं वरिष्ठ नेताओं की भी आम तौर पर देखने को मिलती है जिनके पास राजनीति में प्रवेश करने के पहले आज की तुलना में कुछ भी नहीं था लेकिन राजनीति में आने के बाद आज वे लोग बड़े-बड़े उद्योगों के मालिक बन बैठे है.
उन्होंने पूछा कि आखिर देश में काली कमाई के बल पर राजनीति चलाने का धन्धा क्या देश के हित में है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि चाहे राजग हो या संप्रग हो चुनाव के दौरान इन गठबन्धनों के नेताओं ने जोर शोर से विदेशों में जमा देश का काला धन वापस लाने की बात कही थी लेकिन चुनाव के बाद कालाधन वापस लाने की बात पर पूरी तरह खामोश हो गये हैं.
मुख्यमंत्री ने मांग की कि हाल ही में जर्मन सरकार द्वारा जिन लगभग 50 ‘सफेद पोशों’ का काला धन जर्मनी के बैंको में जमा है, उनकी सूची भारत सरकार को सौंपी गयी है, उनके नाम तत्काल सार्वजनिक किये जाये और उनके खिलाफ सख्त कदम उठाये जाये. मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि यदि बसपा केन्द्र में सत्ता में आती है तो देश का विदेशों में जमा सारा धन तुरंत वापस लाया जायेगा और इसके लिये सख्त कदम उठाये जायेंगे.
उन्होंने स्पष्ट किया कि विभिन्न राजनीतिक नेताओं की तरह उनका कोई भी धन ना तो कंपनियों के शेयरों में लगा हुआ है और न ही विदेशी बैंकों में उनका कोई पैसा है क्योंकि वह अन्य लोगों की तरह काली कमाई को सफेद करने में विश्वास नहीं रखती और उनके पास जो भी सम्पत्ति है उसका साफ तौर पर जनता के सामने खुलासा कर देती हैं.