चुनाव आयोग के नये दिशानिर्देशों के तहत चुनाव में भाग लेने जा रहे उम्मीदवारों के खर्च पर एक अलग ‘छाया’ चुनाव खर्च खाते के जरिये नजर रखी जाएगी और इन नेताओं को एक खास तरह का चुनाव खाता भी खुलवाना होगा.
दरअसल, चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों द्वारा किये जाने वाले अवैध धन के खर्च पर रोक लगाने के लिये यह कदम उठाया गया है.
आयोग ने पहली बार एक चुनाव खर्च निगरानी (ईईएम) प्रकोष्ठ का गठन किया है, जिसका नेतृत्व भारतीय राजस्व सेवा (आयकर) के एक वरिष्ठ अधिकारी और सहायक कर्मचारी कर रहे हैं.
चुनाव में खर्च पर नजर रखने के लिये नये दिशानिर्देश बिहार विधानसभा चुनाव से लागू हो जाएंगे. वहां अक्टूबर के अंत में चुनाव होने वाले हैं और आयोग के मुख्यालय में स्थित यह प्रकोष्ठ 24/7 खुला रहेगा. चुनाव वाले राज्य में इसका नियंत्रण कक्ष हर जिले में काम करेगा.
चुनाव आयोग निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्येक पुलिस थाना क्षेत्र में निगरानी टीम तथा ‘फ्लाइंग स्कवॉयड’ को भी तैनात करेगा, जिनके पास अवैध एवं संदिग्ध धन को जब्त करने का अधिकार होगा.
सूत्रों ने बताया, ‘किसी भी व्यक्ति के पास मौजूद अघोषित धन को फौरन जब्त कर लिया जाएगा. ‘फ्लाइंग स्कवॉयड’ मतदाताओं को दी जाने वाली नकद राशि, धन या अन्य प्रलोभनों पर भी नजर रखेगा.’
कर एवं राजस्व विभागों से लिये गये कर्मचारी उम्मीदवारों के खर्च पर नामांकन दाखिल करने के वक्त से लेकर परिणाम घोषित किये जाने तक खुफिया तरीके से निगरानी रखेंगे.
उन्होंने बताया कि उम्मीदवारों को एक विशेष बैंक खाता भी खुलवाना होगा और निगरानी दल उनके खर्च के खाते का हिसाब किताब देखेंगे.
नये दिशानिर्देशों ने प्रत्येक उम्मीदवारों के लिये वीडियो निगरानी और समीक्षा दलों का बंदोबस्त किये जाने का मार्ग भी प्रशस्त किया है. इन दलों में एक अधिकारी और एक क्लर्क शामिल होंगे, जो रोजाना के वीडियो फुटेज के आधार पर उम्मीदवारों के खर्च का हिसाब करके एक रिपोर्ट तैयार करेंगे.
वीडियो निगरानी दल में एक कैमरामैन भी शामिल होगा, जो उम्मीदवारों के वाहनों की संख्या, तंबू, फर्नीचर, मंच, पोस्टर, होर्डिंग को रिकार्ड करेगा.