विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने इंडिया टुडे कॉनक्लेव के मंच से कहा कि देश में बदलाव हो रहे हैं और इन बदलावों के लिए नेतृत्व और दूरदर्शिता की जरूरत है. यह दोनों चीजें एक दूसरे की पूरक हैं.
मुखर्जी ने कहा कि बदलाव के लिए एक पूरी प्रक्रिया की जरूरत है. बदलाव बहुआयामी चीज है. देश में बदलाव की पूरी क्षमता है और सरकार इस बदलाव के साथ है.
इससे पहले इंडिया टुडे के समूह संपादक प्रभु चावला ने विदेश मंत्री के सम्मान में कहा कि प्रणब मुखर्जी एक ऐसे शख्स का नाम है जो प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ-साथ कई अन्य मंत्रालय को देख रहे हैं. वे अमर सिंह और ममता बनर्जी से एक साथ बात करने में सहज महसूस करते हैं और उनकी आडवाणी के साथ भी उनकी उतनी ही घनिष्ठता है.