सीपीएम नेता ज्योति बसु का आज कोलकाता में निधन हो गया. वो 95 वर्ष के थे और कई दिनों से बीमार चल रहे थे. न्यूमोनिया होनें के बाद एक जनवरी को ज्योति दा को कोलकाता के एएमआरआई अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जिसके बाद से उनकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई.
बसु के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. उन्हें कल देर रात से अस्थायी तौर पर पेसमेकर पर रखा गया था. बसु के निजी चिकित्सक अजीत कुमार मैती ने कहा कि वयोवृद्ध नेता ने एएमआरआई अस्पताल में सुबह 11 बजकर 47 मिनट पर अंतिम सांस ली. वह गत छह जनवरी से वेंटिलेटर पर थे.
छह दशक तक राजनीतिक परिदृश्य में बतौर कद्दावर शख्सियत मौजूद रहे बसु के परिवार में उनके पुत्र चंदन हैं. उनकी पत्नी कमल का चार साल पहले ही निधन हो गया था.
राजनीति जगत की किवदंति बसु सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहने वाले नेता रहे. वह 1977 के बाद से 23 वर्ष तक पश्चिम बंगाल में माकपा नीत वाम मोर्चा सरकार के मुख्यमंत्री रहे.
6 जनवरी के बाद से ही उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था. आज सुबह ही डॉक्टरों ने इस बात के संकेत दे दिए थे कि उनकी हालत बेहद नाज़ुक है. इनकी हालत नाजुक होने की खबर मिलते ही पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्या, वरिष्ठ सीपीएम नेता विमान बोस, और कई बड़े नेता सुबह ही अस्पताल पहुँच चुके थे. अब उनके अंतिम दर्शन करनें के लिए आम लोगों की भीड़ भी जुटने लगी है.