माकपा महासचिव प्रकाश करात ने कहा कि खुदरा व्यापार में सीधे विदेशी निवेश (एफडीआई) का विरोध करने वाले दलों को जोड़-तोड़कर संप्रग इस मुद्दे पर संसद में बहुमत जुटाने में अगर सफल हो भी जाती है तो वाम दल उसे लागू करने के लिए फेमा में संशोधन के समय भी मत विभाजन पर जोर देगा.
एफडीआई को लेकर वाम दलों भाकपा, माकपा, भाकपा-माले और फारवर्ड ब्लॉक के प्रदेश स्तरीय कन्वेंशन को संबोधित करते हुए करात ने कहा कि केंद्र की संप्रग सरकार अमेरिका और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के दबाव में खुदरा व्यापार के क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति देने के बाद अब वह संसद में बहुमत जुटाने के लिए इसका विरोध करने वाले दलों को जोड़ने-तोड़ने में लगी है.
उन्होंने खुदरा व्यापार में एफडीआई की अनुमति को देश विरोधी और जनविरोधी बताते हुए कहा कि अगर अपनी इस कोशिश में केंद्र सरकार कामयाब भी हो जाती है तो वाम दल लागू करने के लिए विदेशी विनिमय प्रबंधन अधिनियम (फेमा) में संशोधन के समय भी मत विभाजन पर जोर देगा.
प्रकाश करात ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा यह तर्क दिया जा रहा है कि खुदरा व्यापार के क्षेत्र में बडी कंपनियों के उतरने से प्रत्येक वर्ष एक करोड़ रोजगार का सृजन होगा पर हकीकत यह है कि इसके कारण करीब पांच करोड़ लोगों की आजीविका छिन जाएगी.
उन्होंने कहा कि अमेरिका और मेक्सिको जैसे देशों में खुदरा व्यापार के क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति दिया जाना विफल साबित हुई.