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प. बंगाल विधानसभा में मारपीट, 3 विधायक घायल

पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को उस समय अराजक माहौल पैदा हो गया, जब वाम मोर्चा और सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के बीच शुरू हुई झड़प ने हिंसक रूप ले लिया. मारपीट में तीन विधायक घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

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पश्चिम बंगाल विधानसभा
पश्चिम बंगाल विधानसभा

पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को उस समय अराजक माहौल पैदा हो गया, जब वाम मोर्चा और सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के बीच शुरू हुई झड़प ने हिंसक रूप ले लिया. मारपीट में तीन विधायक घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अन्य तीन विधायकों को सदन से निलम्बित कर दिया गया है.

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विवाद तब शुरू हुआ, जब वाम मोर्चा ने राज्य सरकार पर राज्य में चिट फंड कम्पनियों पर अंकुश लगाने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए कार्यस्थगन प्रस्ताव लाने की अनुमति मांगी.

विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने जब कार्यस्थगन प्रस्ताव लाने की मांग खारिज कर दी, तो दोनों पक्ष के विधायक आपस में भिड़ गए. दोनों पक्षों में हाथापाई और मारपीट हो जाने पर सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई.

वाम मोर्चा के तीन विधायक- अमजद हुसैन, नजीबुल हक और सुशांता बेसरा को विधानसभा अध्यक्ष ने एक दिन के लिए निलम्बित कर दिया.

विपक्षी वाम मोर्चा ने यह आरोप लगाते हुए कि लड़ाई तृणमूल विधायकों ने शुरू की, दावा किया कि उनका विधायक घायल हो गया. वहीं सत्ताधारी पार्टी ने इस दावे को खारिज कर दिया और कहा कि वाम मोर्चा की 'गुंडागर्दी' के कारण उसके दो विधायक घायल हो गए.

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मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) पोलित ब्यूरो के सदस्य एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता सूर्यकांत मिश्रा ने कहा, ‘जन-महत्व वाले महत्वपूर्ण मुद्दे पर कार्यस्थगन प्रस्ताव लाने की हमारी मांग एक बार फिर खारिज कर दी गई. तृणमूल सरकार जब से सत्ता में आई है, हमारे सभी कार्यस्थगन प्रस्तावों को सारहीन आधारों पर खारिज किया जाता रहा है.’

मिश्रा ने कहा कि तृणमूल सदस्यों ने विधानसभा में मारपीट की, जिसके बाद उनकी पार्टी के विधायक गौरांग चट्टोपाध्याय को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. उन्होंने कहा, ‘न केवल चट्टोपाध्याय की पिटाई की गई, बल्कि हमारी पार्टी की महिला विधायक देबोलीना हेम्ब्रम के साथ भी हाथापाई की गई और उनके खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया.’

एसएसकेएम राजकीय अस्पताल में प्रवेश करने से पूर्व चट्टोपाध्याय ने कहा, ‘मेरे सिर पर किसी भारी चीज से बार-बार प्रहार किया गया.’

दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस नेता और राज्य के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने मिश्रा के दावे को खारिज कर दिया और कहा कि तृणमूल के दो विधायकों महमूदा होसैन और पुलक रॉय की माकपा सदस्यों ने गंभीर रूप से पिटाई कर दी. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

इस बीच वाम मोर्चा ने अपने तीन विधायकों के निलम्बन को 'असंवैधानिक' बताया और निलम्बन खत्म करने की मांग करते हुए विधानसभा के बाहर धरना दिया.

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उधर, कांग्रेस नेता मानस भुइयां ने कहा, ‘हमारे कुछ सदस्य रो रहे थे. हम अपनी सुरक्षा को लेकर आशंकित थे, इसलिए हमने सदन का बहिष्कार किया. लोकतंत्र के मंदिर को प्रदूषित और अपवित्र किया जाना सचमुच आश्चर्यजनक है.’

भुइयां के नेतृत्व में कांग्रेसी विधयकों के प्रतिनिधिमंडल तथा माकपा नेता अनीसुर रहमान के नेतृत्व में वाम मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार की शाम राज्यपाल एम.के. नारायणन से मुलाकात की और उन्हें विधानसभा में हुईं घटनाओं से अवगत कराया.

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