भ्रष्टाचार के बारे में जानकारी देने वाले और प्रशासन को सतर्क करने वाले व्यक्तियों (ह्विसिलब्लोअर) को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने वाला एक विधेयक संसद में पेश किया गया है.
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्यमंत्री वी. नारायणसामी ने राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में बताया, ‘आरटीआई कार्यकर्ता सहित सभी नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए भारतीय दंड संहिता, आपराधिक दंड संहिता इत्यादि जैसे मौजूदा कानून के ढांचे पर अच्छी तरह से विचार किया गया है.’
उन्होंने कहा, ‘जनहित में खुलासा करने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए एक विधेयक को पहले ही संसद में पेश कर दिया गया है. इसके लिए आरटीआई (सूचना के अधिकार) कानून में संशोधन करने का कोई प्रस्ताव नहीं है.’
उन्होंने कहा कि मीडिया में कुछ ऐसी खबरें आई थीं कि पिछले दो वर्षों में आरटीआई कार्यकर्ता के बतौर काम करने वाले कुछ लोगों की हत्या की गई है. उनमें रामदास पाटिल घंडेगांवसोनकर, बब्बू सिंह, अमित जेथवा, दत्ता पाटिल, विट्ठल गीते, सोला रंगा राव और अरूण सावंत का नाम शामिल हैं.
सभी नागरिकों की सुरक्षा एवं संरक्षा का काम चूंकि राज्य सरकारों का अधिकार है ऐसे में केन्द्र सरकार ने राज्य सरकारों को सतर्क किया है.
नारायणसामी ने कहा, ‘राज्यों से अनुरोध किया गया है कि अगर ऐसी कोई बात की जानकारी हो तो उसकी तत्पारता से जांच होनी चाहिये और चूक करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिये.’