बादल फटने की घटना से तबाह लेह में शनिवार को मलबे से 20 शव निकाले जाने के साथ ही मृतकों की संख्या 132 हो गयी जबकि करीब 600 लापता लोगों की तलाश जारी है.
पुलिस महानिदेशक कुलदीप खोड़ा ने यहां बताया कि हमने अबतक 132 शव बरामद किए हैं और कम से कम 370 लोग घायल हैं. लापता लोगों के बारे में पता किया जा रहा है.
सूत्रों ने आशंका जतायी है कि मृतकों की संख्या पांच सौ को पार कर सकती है क्योंकि बचाव दल सुदूर गांवों में अबतक पहुंच नहीं पायी। उधर हजारों लोग बेघर हैं.
चोगलमसुर के निकट एक छोटा सा गांव प्रलयंकारी वर्षा के कारण पूरी तरह बर्बाद हो गया. बचावकर्मी मलबे में अभी भी जिंदा लोगों की तलाश में जुटे हैं. बचावकर्मी ध्वस्त मकानों के मलबे में फंसे लोगों को निकलाने के लिए घुटने भर कीचड़ में जीतोड़ प्रयास करते रहे.
एक ठेकेदार ने राज्य प्रशासन के आला अधिकारियों से कहा कि उसकी ओर से नियुक्त 150 मजदूर श्योंग गांव से लापता हैं. ठेकेदार ने इन मजदूरों को इसी गांव में ठहराया था. श्योंग गांव सिंधु नदी के किनारे बसा है और अधिकारियों को आशंका है कि कई झोपड़ियां बाढ़ में बह गयी होंगी.
भारत तिब्बत सीमा पुलिस के प्रवक्ता दीपक पांडे ने बताया कि आईटीबीपी ने 30 शव निकाले हैं. हमने मलबे से 100 लोगों को निकाला. प्रभावितों के लिए राहत कैंप खोले गए हैं. केंद्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को इस इलाके का दौरा किया. बाद में उनके दो मंत्रिमंडलीय सहयोगी, गुलाम नबी आजाद और पृथ्वीराज चौहान भी यहां पहुंचे.