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लेंसकार्ट को भूकंप का 'बिजनेस' करने के लिए मांगनी पड़ी माफी

ई-रिटेल कंपनी लेंसकार्ट को नेपाल व भारत में आए विनाशकारी भूकंप को चश्मे का कारोबार बढ़ाने का माध्यम बनाने के लिए सोशल नेटवर्किेग साइटों पर लोगों की भारी आलोचना झेलनी पड़ी.

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लेंसकार्ट को मांगनी पड़ी माफी
लेंसकार्ट को मांगनी पड़ी माफी

ई-रिटेल कंपनी लेंसकार्ट को नेपाल और भारत में आए विनाशकारी भूकंप को चश्मे का कारोबार बढ़ाने का माध्यम बनाने के लिए सोशल नेटवर्किेग साइटों पर लोगों की भारी आलोचना झेलनी पड़ी. अंतत: कंपनी को सनग्लास की बिक्री पर छूट का प्रचार अभियान बंद करना पड़ा और इसे भूल बताकर खेद प्रकट करना पड़ा.

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कंपनी ने छूट के लिए ग्राहकों से एक मैसेज 50 लोगों को भेज कर 3000 रुपये का चश्मा 500 रुपये में हासिल करने की पेशकश की थी. इसमें अंग्रेजी का जुमला ‘शेक इट आफ लाइक द अर्थक्वेक ’ (भूकंप मचा दो) का इस्तेमाल किया था.

कंपनी के इस विज्ञापन के बाद फेसबुक व ट्विटर पर कंपनी की जोरदार आलोचनाओं का सिलसिला चल पड़ा. बाद में कंपनी ने एक और एसएमएस भेजकर गलती से किए गए शब्दों के चयन पर माफी मांगी. नए संदेश में कहा गया, 'हम गलती से किए गए एसएमएस के शब्दों के चयन पर माफी मांगते हैं. हमारा इरादा किसी की भावना को आहत करना नहीं था.'

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