भूमि अधिग्रहण से किसानों की जिंदगी पर पड़ने वाले फर्क को लेकर लंबी बहस रही है. इस बीच भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एचएल दत्तू ने कहा कि अगर राज्य सरकारें कृषि भूमि का कम से कम अधिग्रहण करें और उसे कंपनियों को नहीं सौंपे तो यह कृषि समुदाय के लिए बेहद उपयोगी होगा.
दत्तू ने भूमि अधिग्रहण के बदले किसानों को उचित मुआवजा दिए जाने पर भी जोर दिया. निरमा यूनिसर्विटी के एक सम्मेलन में दत्तू ने कहा कि किसान समुदाय पर जलवायु परिवर्तन के असर की चर्चा किए जाने की जरूरत है. इसके अलावा सत्तारूढ़ पार्टी किस तरह किसानों के लिए मददगार हो सकती है, इस पर भी सोचे जाना चाहिए.
दत्तू ने कहा कि राज्य सरकारें जो कृषि भूमि कंपनियों को देने के लिए अधिग्रहित करती है, अगर उसे कम से कम किया जाए तो कृषि समुदाय को बहुत हद तक मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि मैं यह सिर्फ इसलिए कह रहा हूं कि इसकी एकमात्र वजह किसानों का इन भूमि पर निर्भर होना है, यह उनकी आजीविका है. हां, आप ऐसा कर सकते हैं क्योंकि आप एक संप्रभु राज्य में हैं, लेकिन जब आप ऐसा करते हैं तो आप किसानों को न सिर्फ उचित मुआवजा दें बल्कि मुआवजा से कुछ ज्यादा दें.
-इनपुट भाषा से