विवादों में घिरे जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट(जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक ने पाकिस्तान से आजतक के साथ कहा है कि वो पहले भी हाफिज सईद से मिल चुके हैं.
'2006 में मिला था हाफिज सईद से'
आजतक से बातचीत में यासीन ने बताया कि वो 2006 में हाफिज सईद से मिले थे तब तो किसी ने आपत्ति नहीं की थी. उन्होंने बताया कि वो अपनी बेटी से मिलने पाकिस्तान गए हैं. उन्होंने कहा, 'मैं तो सड़क पर प्रदर्शन कर रहा था और इसके लिए किसी को न्योता नहीं भेजा था.'
भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद के साथ मंच साझा करने के सवाल पर यासीन ने कहा, 'मैंने हाफिज के साथ कोई बैठक नहीं की.
जब उनसे पूछा गया कि क्या वो एक बार फिर बंदूक उठाने की सोच रहे हैं और आतंकियों से रिश्ते रखते हुए भी वो शांति की बात करते हैं तो इसपर यासीन ने कहा कि उनके शांतिपूर्ण प्रदर्शन में किसी ने बंदूक की बात नहीं की और लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन किया गया.
उन्होंने कहा कि उनका एकमात्र एजेंडा है अहिंसक तरीके से कश्मीर को आजाद कराना और कश्मीर में अहिंसक आंदोलन को मजबूत करना.
हाफिज सईद के साथ मंच पर दिखे यासीन
गौरतलब है कि यासीन मलिक जब इस्लामाबाद में अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठे तो मुंबई हमले का सरगना हाफिज सईद भी वहां मौजूद था . इस तस्वीर के सामने आने के बाद यासीन मलिक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग तेज़ हो गई है.
जब्त होगा यासीन मलिक का पासपोर्ट
उधर सरकार यासीन मलिक का पासपोर्ट सरकार रद्द करने पर विचार कर रही है. मलिक ने अफजल गुरु को फांसी के विरोध में जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद के साथ मंच साझा किया. सुरक्षा एजेंसियां जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के नेता के पाकिस्तान से वापस लौटने पर उससे पूछताछ करेंगी.
शीर्ष अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि मलिक का सईद के साथ मेलजोल और पाकिस्तान जाकर भारत विरोधी राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होना सरकार को अच्छा नहीं लगा है. मलिक से पाकिस्तान में उसकी गतिविधियों को लेकर विस्तार से पूछताछ की जाएगी. इन गतिविधियों में सईद और भारत के हितों के खिलाफ काम कर रहे अन्य नेताओं से बैठक करना भी शामिल है.