बाबरी कांड की जांच के लिए गठित लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट लोकसभा में पेश हो गई है. गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने रिपोर्ट को सिर्फ अंग्रेजी में ही पेश किया, क्योंकि इसका हिंदी अनुवाद तैयार नहीं था.
संसद में रिपोर्ट पेश होने के बाद राज्यसभा में हंगामे की स्थिति उत्पन्न हो गई. सपा सांसद अमर सिंह और बीजेपी के एस. एस. अहलूवालिया के बीच हाथापाई भी हुई, जिसके बाद राज्यसभा को 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया. अमर सिंह ने इस मसले पर सफाई देते हुए कहा कि वे अहलूवालिया को समझाने के इराद से उनके पास गए थे.
इससे पहले केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट को संसद में आज ही पेश किए जाने का निर्णय किया गया. बैठक वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में हुई. इस बीच बीजेपी ने रिपोर्ट को संसद में पेश किए जाने का स्वागत किया है.
गौरतलब है कि अमेरिकी दौरे पर गए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रणब मुखर्जी को इस मामले पर कैबिनेट की बैठक बुलाने को कहा था. मौजूदा हालात में लिब्रहान रिपोर्ट तय वक्त से करीब महीने भर पहले ही सदन में पेश हो गई. हालांकि इस मामले पर बवाल रिपोर्ट के सदन में पेश होने के साथ ही थम जाएगा, ऐसा लगता नहीं.
आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट में न तो अटल बिहारी वाजपेयी का नाम है और न ही नरसिम्हा राव की कांग्रेसी सरकार को क्लिन चिट दी गई है, लेकिन बीजेपी के कुछ दूसरे बड़े नेताओं की गर्दन जरूर फंस सकती है.