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LIC में सरकार की हिस्सेदारी बेचने का विरोध, 4 फरवरी को हड़ताल और धरना

LIC देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है. एलआईसी का देश के जीवन बीमा बाजार पर करीब तीन-चौथाई कब्जा है. शनिवार को वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट पेश करने के दौरान ऐलान किया कि सरकार LIC में अपनी हिस्सेदारी बेचने वाली है. इसके लिए सरकार आईपीओ लेकर आ रही है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

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  • LIC में हिस्सेदारी बेचने का विरोध
  • 4 फरवरी को हड़ताल पर कर्मचारी
  • सरकार ने की है हिस्सेदारी बेचने की घोषणा

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में सरकार की हिस्सेदारी बेचने के फैसले का कर्मचारियों ने कड़ा विरोध किया है. सरकार के इस प्रस्ताव के विरोध में एलआईसी के कर्मचारी 4 फरवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर जा रहे हैं. हालांकि ये हड़ताल एक घंटे की ही होगी. इसके बाद कर्मचारी प्रदर्शन करेंगे.

शनिवार को वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट पेश करने के दौरान ऐलान किया कि सरकार LIC में अपनी हिस्सेदारी बेचने वाली है. इसके लिए सरकार आईपीओ लेकर आ रही है. बता दें कि भारतीय जीवन बीमा निगम देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है. एलआईसी का देश के जीवन बीमा बाजार पर करीब तीन-चौथाई कब्जा है.

सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन

एलआईसी के विनिवेश के फैसले का विरोध करते हुए जीवन बीमा निगम कर्मचारी एसोसिएशन के कोलकाता डिविजन के उपाध्यक्ष प्रदीप मुखर्जी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, "हम मंगलवार को सवा 12 बजे से सवा एक बजे तक एक घंटे की हड़ताल करेंगे. हम उसके बाद अपने सभी कार्यालयों में प्रदर्शन भी आयोजित करेंगे. "

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प्रदीप मुखर्जी ने कहा कि इसके बाद हम सड़क पर उतरेंगे और इस कदम का विरोध करेंगे. हम सभी सांसदों के पास भी जाएंगे और अपना विरोध दर्ज कराएंगे.

राष्ट्रीय हितों के खिलाफ विनिवेश

एलआईसी के आंशिक विनिवेश के प्रस्ताव को राष्ट्रहित के खिलाफ बताते हुए मुखर्जी ने कहा कि यह कंपनी इस समय पूंजी के मामले में भारत की सबसे बड़ी वित्तीय कंपनी है, जो भारतीय स्टेट बैंक को भी पीछे छोड़ चुकी है. उन्होंने कहा कि इसका विनिवेश राष्ट्रीय हितों के खिलाफ है.

ऑल इंडिया इंश्योरेंस इम्प्लाईज एसोसिएशन (AIIEA) ने भी सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए कहा है कि पहले तीन या चार फरवरी को एक घंटे की हड़ताल की जाएगी.

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AIIEA के महासचिव श्रीकांत मिश्रा ने चेन्नई में आईएएनएस से कहा कि हम इस कदम के खिलाफ हैं. पहले हम तीन या चार फरवरी को एक घंटे की हड़ताल करेंगे, और उसके बाद अपने आगे के कदम के बारे में निर्णय लेंगे."

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