कश्मीर घाटी में शनिवार को जिंदगी वापस पटरी पर लौटती हुई नजर आई जब 21 दिन से जारी हड़ताल, कर्फ्यू और लोगों की आवाजाही पर रोक के बाद स्कूल और व्यापारिक संस्थाएं फिर से खुले और सड़कों पर वाहन दौड़ने लगे, लेकिन कुछ ही घंटो बाद अलगाववादियों ने फिर बंद का आह्वान किया और पुलिस के साथ संघर्ष पर उतारू हो गए.
अलगाववादियों ने लोगों से दोपहर दो बजे तक सामान्य क्रियाकलाप जारी रखने के लिए कहा था जिसके बाद शनिवार को पूरी घाटी में बाजार, शिक्षण संस्थाएं और निजी कार्यालय फिर से खुले तथा सड़कों पर यातायात बहाल हुआ. लोगों की भारी आवाजाही से कई सड़कों पर ट्रैफिक जाम भी देखा गया.
घाटी काफी दिनों से अशांत थी क्योंकि 11 जून को एक किशोर तुफैल अहमद मट्टू की राजौरीकदल के पास गनी स्टेडियम पर कथित रूप से आंसूगैस के गोले लगने से मौत हो गई थी. दोपहर बाद दो बजे के करीब सड़के एक बार फिर वीरान हो गई और कई स्थानों पर युवकों को बंद कराते और पुलिस के साथ संघर्ष करते देखा गया जिसमें छह लोग घायल हो गए.