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PM मोदी के खिलाफ कार्टून बनाने पर असम के कार्टूनिस्ट को मिली धमकी

सोशल मीडिया पर धमकी मिलने के बाद नितुपर्णा का परिवार बेहद चिंतित है. नितुपर्णा ने ये कार्टून 15 अगस्त को बनाया था और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था.

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कार्टूनिस्ट नितुपर्णा राजबंग्शी
कार्टूनिस्ट नितुपर्णा राजबंग्शी

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असम के जाने माने कार्टूनिस्ट नितुपर्णा राजबंग्शी ने आरोप लगाया है कि स्वतंत्रता दिवस पर बनाए गए उनके कार्टून की वजह से सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकी मिली है. नितुपर्णा ने असम पुलिस से इसकी शिकायत भी की है.

सोशल मीडिया पर धमकी मिलने के बाद नितुपर्णा का परिवार बेहद चिंतित है. नितुपर्णा ने ये कार्टून 15 अगस्त को बनाया था और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. उसी दिन देर रात उनके उसी पोस्ट पर सोशल मीडिया पर एक शख्स ने लिखा, "समबडी शॉट हिम डेड". इस पोस्ट के बाद नितुपर्णा ने अपने परिवार के से चर्चा करके पुलिस में शिकायत दर्ज की है.

आखिर क्या था उस कार्टून में?

आजादी की 70वीं सालगिरह के मौके पर नितुपर्णा ने गोरखपुर में ऑक्सीजन की कमी से मारे गए बच्चों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए एक कार्टून बनाया था जिसमें गोरखपुर त्रासदी को लेकर प्रधानमंत्री की आलोचना की गई थी. इस कार्टून में प्रधानमंत्री झंडारोहण कर रहे हैं लेकिन झंडे की जगह इस कार्टून में छोटे-छोटे बच्चों को दिखाया गया है और प्रधानमंत्री के पास एक सिलेंडर दिखाया गया है जिस पर कॉरपोरेट लिखा हुआ है.

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Facebook पर कार्टून पोस्ट किए जाने के बाद उस पर कई प्रतिक्रियाएं आईं लेकिन नितुपर्णा का आरोप है कि रात को 10:00 बजे उनके इसी पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए एक शख्स ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी. उन्होंने अगले ही दिन यानी 16 अगस्त को असम के बाकपेटा में लोकल थाने में इसकी शिकायत दी जिसके बाद असम पुलिस ने IPC की धारा 506 और 507 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

'आज तक' से बातचीत में नितुपर्णा ने कहा कि कार्टूनिस्ट और बोलने की आजादी के खिलाफ असहिष्णुता बढ़ रही है. जो कुछ हो रहा है वह लोकतंत्र के खिलाफ है. सरकार को चाहिए कि वह बोलने और बहस करने की आजादी को बरकरार रखने की कोशिश करे.

नितुपर्णा की पत्नी मनीषा गोस्वामी ने इस पूरे मामले पर 'आज तक' से बातचीत में कहा कि हम ऐसे किसी धमकी से नहीं डरते. निचले तबके और गरीबों के दर्द को कार्टून के जरिए सामने लाने में मैं अपने पति के साथ हूं. ऐसी घटनाएं दिखाती हैं कि कैसे कुछ लोग आवाजों को दबाना चाहते हैं और सच को छुपाना चाहते हैं. कार्टून संवेदनाएं व्यक्त करने का एक अच्छा जरिया है, यह लोगों को समझना चाहिए. समाज में दबाने वाली शक्तियां उग्र हो रही हैं.

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