अमेरिका ने इलियास कश्मीरी समेत मुंबई हमलों से संबंधित पांच आतंकवादियों की सूची पाकिस्तान को सौंपते हुए आशा जताई है कि पाकिस्तान इससे जुड़ी किसी भी प्रकार की खुफिया जानकारी से अमेरिका को फौरन अवगत कराएगा.
एबीसी न्यूज ने एक अमेरिकी अधिकारी, पाकिस्तान सरकार के एक अधिकारी और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के एक अधिकारी के हवाले से बताया है कि इस सूची के बारे में पिछले दो सप्ताह में दोनों देशों के अधिकारियों के बीच हुई तीन बैठकों में विचार-विमर्श हुआ. शुक्रवार को अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन की पाकिस्तानी नेताओं के साथ इस्लामाबाद में हुई बैठक में भी इस सूची के बारे में बात हुई.
इस सूची में कश्मीरी के अलावा अल-कायदा के आतंकवादी अयमान अल-जवाहिरी, अफगान तालिबान के मुखिया मुल्ला उमर, कमांडर सिराज हक्कानी और अल-कायदा के लीबिया अभियान के प्रमुख अतिया अब्दुल रहमान का नाम भी शामिल है. रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका का मानना है कि इस सूची से पाकिस्तान का यह इम्तिहान लिया जा सकेगा कि वह ‘आतंकवादियों से लड़ने के मामले में कितना गंभीर है, जो लंबे समय से वहां की सीमाओं में पनाह लिए हुए हैं.’ एक अमेरिकी सूत्र ने ‘डॉन’ समाचार पत्र से इस सूची के बारे में पुष्टि की है.
अखबार ने अमेरिकी सूत्र के हवाले से कहा है, ‘पाकिस्तान के नेताओं को दिया गया संदेश बिलकुल स्पष्ट है या तो आप इन आतंकवादियों के मुद्दे पर हमारे साथ सहयोग करो, नहीं तो हम उनसे खुद ही निपट लेंगे.’ इलियास कश्मीरी पिछले कुछ सालों में दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादियों में से एक बन कर उभरा है. कश्मीरी ऐसा आतंकवादी है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय महत्वाकांक्षाएं और पूरे अरब और दक्षिण एशिया में उसके संपर्क हैं.
कश्मीरी को एक समय में ‘अगला ओसामा बिन लादेन’ माना जाता था. पाकिस्तान की सेना हालांकि आधिकारिक तौर पर इस बात से इंकार करती है, लेकिन सेना के अधिकारी इस बात को स्वीकार करते हैं कि उसने सैन्य प्रशिक्षण लिया. सिराज हक्कानी, हक्कानी नेटवर्क का संचालक कमांडर है. पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान आधारित हक्कानी नेटवर्क, तालिबान का सबसे हिंसक धड़ा है. अतिया अब्दुल रहमान ओसामा और पूरी दुनिया में फैले अल-कायदा के नेटवर्क के बीच का अहम संयोजक बन कर उभरा था.
अफगान और अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि पाकिस्तान की आईएसआई का हक्कानी नेटवर्क पर प्रभुत्व है और वह इस गुट को निशाना बनाने या उससे राजनीतिक बातचीत का रास्ता खोलने में मदद कर सकती है. दो अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, मुल्ला उमर के मामले में, अमेरिका की ‘यह जानने में रुचि है कि क्या वह अफगानिस्तान में राजनीतिक पुनर्गठन का भाग हो सकता है और अमेरिका, पाकिस्तान पर यह परिणाम लाने के लिए दबाव डाल रहा है.’
दो अफगान अधिकारियों के मुताबिक, अमेरिका ने उमर का गुप्तचर माने जाने वाले एक व्यक्ति से बातचीत शुरू कर दी है, लेकिन वह बहुत सावधानी से कदम आगे बढ़ा रहा है. हिलेरी और ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के प्रमुख एडमिरल माइक मुलेन ने कल इस्लामाबाद में पाकिस्तान से अपील की कि वह अफगानिस्तान में पुनर्गठन की प्रक्रिया का समर्थन करे और ऐसा कुछ न करे, जिससे यह प्रक्रिया पटरी से उतर जाए.