माओवादियों द्वारा पश्चिमी मिदनापुर जिले में मध्य रात्रि के बाद रेल पटरी पर विस्फोट किए जाने से एक एक्सप्रेस ट्रेन पटरी से उतर गई. इस घटना में कम से कम 20 यात्रियों की मौत हो गयी और 150 से अधिक घायल हो गये.
पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार में माओवादियों द्वारा ट्रेनों को निशाना बनाये जाने की घटनाएं इस प्रकार हैं.
22 अप्रैल 2006: माओवादियों ने लातेहार में आठ घंटे तक एक यात्री ट्रेन को कब्जे में रखा.
मई 2008: माओवादियों ने लातेहार में पांच घंटे तक एक ट्रेन पर कब्जा जमाए रखा.
27 अक्तूबर 2009: माओवादियों ने पीपुल्स कमेटी अगेंस्ट पुलिस एट्रोसिटीज (पीसीपीए) द्वारा आहूत बंद के दौरान भुवनेश्वर.नयी दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस को आठ घंटे तक कब्जे में रखा.
नवंबर 2009: माओवादियों ने झारखंड के सिमदेगा जिले में रेल पटरियों पर विस्फोट किया, जिसमें एक यात्री ट्रेन के पटरी से उतरने से दो लोगों की मौत हो गयी और 38 लोग घायल हो गये.
19 मई 2010: माओवादियों ने पश्चिमी मिदनापुर जिले के झारग्राम के पास पटरियों पर बारूदी सुरंग से विस्फोट किया, जिसमें एक मालगाड़ी के दो चालक जख्मी हो गये और इंजन क्षतिग्रस्त हो गया.
20 मई 2010: माओवादियों ने पूर्व मध्य रेलवे के मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज के तहत आने वाले बिहार के दिघवाड़ा और पीपरा के बीच रेल लाइनों पर विस्फोट किया, जिसके बाद एक मालगाड़ी के 14 तेल टैंकर पटरी से उतर गये और उनमें आग लग गयी.
22 मई 2010: पश्चिमी मिदनापुर के बांसटाला स्टेशन में संयुक्त बलों और माओवादियों के बीच गोलीबारी में टाटानगर जा रही स्टील एक्सप्रेस में सवार एक पुलिसकर्मी सहित दो लोग घायल हो गये.