विधानसभा चुनाव को लेकर 'आज तक' के खास कार्यक्रम में आज बीजेपी नेता संबित पात्रा और आरएसएस विचारक राकेश सिन्हा की मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ तीखी बहस हो गई. हालत ये हो गई कि दोनों पक्ष एक-दूसरे के खिलाफ आस्तीन चढ़ाकर खड़े हो गए.
तीन तलाक मुद्दे पर बहस के दौरान हंगामा
चर्चा का विषय था 'मुस्लिम वोट के ठेकेदार क्यों'. बात 'तीन तलाक' की निकली तो मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना देहलवी ने राम द्वारा सीता को त्यागने का मुद्दा उठा दिया, इस पर संबित पात्रा और राकेश सिन्हा भड़क गए. बीएसपी नेता सुधींद्र भदौरिया बीच-बचाव करने में जुटे रहे. जबकि कांग्रेस की ओर से रंजीत रंजन शांत बनी रहीं.
बीजेपी नेता माफी की मांग पर अड़े
संबित पात्रा और राकेश सिन्हा ने कहा कि माता सीता का अपमान हुआ है और जब तक माफी नहीं मांगी जाती बहस आगे नहीं बढ़ सकती. दूसरी ओर मौलाना अंसार रजा का कहना था कि अगर कुछ गलत बोला गया है तो माफी मांगी जाएगी. हालांकि बाद में मौलाना देहलवी ने कहा कि अगर उनके बयान से किसी को ठेस पहुंची है तो वो अपने बयान को वापस लेते हैं.
कांग्रेस नेता ने हंगामे के दौरान साधी चुप्पी
इससे पहले चर्चा में संबित पात्रा ने कहा कि हमारा कैंडिडेट, सिर्फ कैंडिडेट होता है-हिंदू, मुसलमान नहीं. हमारे नेता नहीं कहते कि फलाने को इतना टिकट दिया, ढेकाने को इतना. कांग्रेस की ओर से रंजीत रंजन ने कहा कि अगर एक पार्टी कहती है कि लव जिहाद करेंगे, घर वापसी करेंगे तो हर कोई उसकी अकल ठिकाने लगाए.
आरएसएस विचारक राकेश सिन्हा ने कहा कि वोट बैंक पॉलीटिक्स की शुरुआत तो नेहरू के समय 1963 में अमरोहा चुनाव से हुई, बाद में पूरे देश में ये फैल गया. दूसरी ओर बीएसपी के सुधींद्र भदौरिया का कहना था कि सबसे ज्यादा गरीबी दलितों और मुसलमानों में है. बीजेपी ने तो एक टिकट तक नहीं दिया.