प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में चुनावी सभा को संबोधित किया. 'भारत माता की जय' के नारे से अपना भाषण समाप्त करने से पहले उन्होंने कश्मीर की मुस्लिम बहुल जनता में भरोसा जगाने की पूरी कोशिश की. एक बार फिर गुजरात का उदाहरण देकर उन्होंने घाटी की जनता को विकास का सपना दिखाया और वहां 'दोनों परिवारों' का शासन उखाड़ फेंकने की अपील की.
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'कच्छ जिले में वहां बड़ी संख्या में मुस्लिम हैं. वहां पहले कोई जाने को तैयार नहीं था. लेकिन अब वह हिंदुस्तान का सबसे तेज गति से विकास करने वाला जिला बन गया है. वहां 15 किलोमीटर की रेंज में 8 हजार मेगावॉट बिजली बनाई जा रही है. कपड़े के कारखाने लग गए हैं. अगर कच्छ का विकास हो सकता है तो कश्मीर का विकास भी हो सकता है.' मोदी यहां भी हास्य-विनोद करने से नहीं चूके. उन्होंने कहा, 'हमने गुजरात में इतनी बड़ी पाइप से पानी पहुंचाया कि अब्दुल्ला साहब का पूरा परिवार कार में बैठकर उसमें से जा सकता है.' मोदी की झारखंड रैली की 5 प्रमुख बातें
'मेरे भाषण के लिए गांव वालों ने खरीदा TV'
प्रधानमंत्री ने इस दौरान कश्मीर की प्रतिद्वंद्वी पार्टियों पर भी परिवारवाद के हवाले से प्रहार किए. उन्होंने कहा, 'ऐसा लगता है कि दोनों परिवारों ने 5-5 साल की लूट का कॉन्ट्रैक्ट ले रखा है. दो परिवार ही कश्मीर पर राज करेंगे क्या. क्या यहां के नौजवानों में नूर नहीं है. क्या यहां के किसी परिवार में दम नहीं है क्या?' उन्होंने कहा कि कश्मीर के कुछ लड़के उनसे मिलने आए थे. उन्होंने बताया कि उनके गांव में टीवी नहीं था, लेकिन मेरे (प्रधानमंत्री) के भाषण के लिए गांव वालों ने मिलकर टीवी खरीदा.
'राजनीति को संप्रदाय से न जोड़ें'
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के दिखाए सपने का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, 'अटल बिहारी वाजपेयी ने कश्मीर के दिखाए सपने को पूरा करने के लिए मोदी जान लगा देगा.' मोदी ने राजनीति को संप्रदाय से न जोड़ने की बात कही. उन्होंने कहा, 'अगर कोई मंदिर में जाता है या मस्जिद में जाता है तो वह हमारे लिए सिर्फ कश्मीरी है, हमारा अपना है. हम बिना भेदभाव के काम करेंगे. विकास मेरा मंत्र है. 50 साल से रिफ्यूजी की जितनी समस्याएं हैं, उनका समाधान करना मैं राष्ट्रीय कर्तव्य मानता हूं. मैं आपसे कहना चाहता हूं, ये मोदी है, करके रहेगा.'
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस देश के लिए जीने-मरने वालों के लिए ये देश सब कुछ करने को तैयार है. जिन परिवारों ने अपने बच्चे खोए हैं, उन परिवार के लोगों को रोजगार मिलना चाहिए. उनकी सुरक्षा होनी चाहिए. बीजेपी को वोट देने की अपील करते हुए उन्होंने कहा, 'दिल्ली सरकार आपसे कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार है. मैं आपको निमंत्रण देता हूं, बिना गलती किए भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाइए.'
अपनी तारीफ करने से भी नहीं हिचके PM
प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं कई बार यहां आया हूं. या तो विकास की बात करने आया हूं या आपके आंसू पोंछने आया हूं.' प्रधानमंत्री इस दौरान जम्मू-कश्मीर में आई भीषण बाढ़ के दौरान अपने दौरे और राहत पैकेज का जिक्र करना भी नहीं भूले. उन्होंने कहा, 'बाढ़ के समय मैं बिना एक पल की देर किए चला आया था. अपनों के साथ दिवाली मनाने का मन किसका नहीं होता. लेकिन मैंने आपके साथ दिवाली मनाई. जब मैंने बाढ़ राहत के लिए बिना मांगे 1000 करोड़ का पैकेज दिया था तो यहां की सरकार को शुरू में आश्चर्य हुआ था कि इतने सारे पैसे प्रधानमंत्री ने कैसे दे दिए. हमारे पास जम्मू-कश्मीर के लिए पैसे की कमी नहीं है.'
25 नवंबर को होना है पहला मतदान
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में 25 नवंबर को पहले चरण का मतदान होना है. मोदी चुनाव से पहले राज्य में कम से कम सात चुनावी सभाएं करेंगे. पांच चरण में होने जा रहे चुनाव में हर चरण से पहले उनके एक या दो रैलियां करने की संभावना है. 87 सदस्यीय विधानसभा चुनाव मैदान में बीजेपी मिशन 44 के साथ चुनाव मैदान में उतरने वाली है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के खिलाफ सत्ता विरोधी माहौल और मोदी लहर के सहारे बीजेपी पहली बार घाटी में चमत्कारिक प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है.
पार्टी राज्य के शिक्षित वर्ग को विकास के मुद्दे पर आकर्षित करने के लिए खास ध्यान दे रही है. वह यह संदेश भी दे रही है कि केंद्र और राज्य में एक ही दल की सरकार होने से प्रदेश के विकास में मदद मिलती है.
हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में पार्टी को हाल में मिली सफलता से उत्साहित बीजेपी जम्मू-कश्मीर और झारखंड में भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद लगाए है. दोनों राज्यों में 25 नवंबर से पांच चरणों में चुनाव होने हैं जो 20 दिसंबर तक चलेंगे और नतीजे 23 दिसंबर को आएंगे. जम्मू-कश्मीर में सफलता पाने की जी-तोड़ कोशिश कर रही बीजेपी ने राज्य के छोटे दलों और उदारवादी अलगाववादी तत्वों के साथ समन्वय बनाने की भी रणनीति बनाई है.