भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर बीजेपी संसदीय दल की बैठक खत्म हो गई है. मोदी सरकार ने मंगलवार को भूमि अधिग्रहण बिल लोकसभा में पेश किया. बिल को लोकसभा में ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. चौधरी बीरेंद्र सिंह ने पेश किया. बिल का विरोध कर रही कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, टीएमसी, सपा, आरजेडी और बीजेडी ने लोकसभा से वॉक आउट किया.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने किसानों से सुझाव लेने के लिए आठ सदस्यों की कमेटी गठित की. ये कमेटी किसानों से बिल को लेकर उनका पक्ष जानने की कोशिश करेगी. जेटली ने भूमि अधिग्रहण बिल पर बीजेपी प्रवक्ताओं और मंत्रियों के साथ बैठक की. जेटली ने कहा कि बहस के दौरान जो भी अच्छे सुझाव आएंगे, उन्हें अध्यादेश में लागू किया जाएगा. वेंकैया नायडू ने कहा कि अल्पमत बहुमत को नहीं झुका सकता.
क्यों हो रहा है भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध?
सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने कहा कि ये गंभीर मसला हैं, आबादी बढ़ रही है. जमीन घट रही है. ये सरकार किसान विरोधी है. पीएम ने हमसे इस बारे में कोई मशवरा नहीं किया. शादी ब्याह का मसला अलग है. आप बुलाओगे तो आपकी शादी में आएंगे. हमारा काम है विरोध करना. सरकार को जो करना है, वो करे.
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी संसदीय दल की बैठक में वेंकैया नायडू ने कहा कि कुछ सांसदों के बयान ने पार्टी को काफी नुकसान पहुंचाया है. भविष्य में ऐसे बयान पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. पीएम मोदी ने सांसदों से कहा कि सांसद संसद में डिबेट करते वक्त विषय की पूरी जानकारी रखें.
बैठक में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश अपने आप में काफी बेहतरीन है. हम अध्यादेश पर अपने कदम वापस नहीं लेंगे. अच्छे सुझावों का स्वागत है और डिबेट के दौरान अच्छे
संशोधनों के लिए सरकार तैयार है.
राज्यसभा में बिल पर अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस की सरकार के दौरान सबसे ज्यादा संशोधन हुए. देश के 80 फीसदी अध्यादेश कांग्रेस के शासनकाल के दौरान आए. नेहरू के शासन में 70 अध्यादेश आए थे. सरकार संसद की अनदेखी नहीं करेगी. जेटली ने कहा कि बिल जब राज्यसभा में पेश हो तब ही इस पर बहस होनी चाहिए.
जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि सरकार बुलडोजर से किसानों को कुचलना चाहती है. भारत किसानों का देश रहा है. लेकिन सरकार किसी भी बात की परवाह किए बगैर काम कर रही है, वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि ये अध्यादेश किसानों के हित में नहीं है. इस बिल से सिर्फ कुछ बड़े उद्योगपतियों की मदद की जाएगी. किसानों का इस बिल से भला नहीं होगा. केसी त्यागी ने कहा कि ये लड़ाई गमलों में खेती करने वालों और गांव में खेती करने वालों की है.
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि हर 27 दिन में मोदी सरकार एक अध्यादेश लेकर आती है. नेहरू के वक्त में और अब के वक्त में काफी फर्क है. जेटली की बात का जवाब देते हुए आनंद शर्मा ने कहा कि आपातकाल लागू नहीं था तो अध्यादेश लाकर कुछ गलत तो नहीं किया है. कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि भूमि अधिग्रहण बिल किसान विरोधी है.
मंगलवार शाम 6 बजे इस बाबत बीजेपी संसदीय दल की बैठक भी होगी. इस बैठक में एनडीए सरकार के मंत्री भी शामिल होंगे.पेट्रोलियम एवं नैचुरल गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भूमि अधिग्रहण बिल पर हम किसानों के लिए समर्पित हैं. हमारी सरकार पूरी तरह से किसानों के हित में काम करेगी. कांग्रेस की सरकार ने जो गलती की है, मोदी सरकार बिल में उसे सुधारकर पेश करेगी. प्रधान ने कहा कि बिल को लेकर मंगलवार शाम बैठक की जाएगी. बैठक के बाद बिल संबंधित ज्यादा जानकारी मुहैया कराई जाएगी.
टीएमसी ने
संसद में किया विरोध
तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर मंगलवार सुबह संसद भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. ममता बनर्जी की पार्टी मोदी सरकार के भूमि
अधिग्रहण बिल पर लाए जाने वाले अध्यादेश का खुलकर विरोध कर रही है. याद रहे कि टीएमसी के लोकसभा में 34 और राज्यसभा में 12 सांसद हैं.
जंतर-मंतर पर अन्ना-केजरीवाल
समाजसेवी अन्ना हजारे भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं. अन्ना हजारे के चेले और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी आज जंतर-मंतर पर जाकर धरना देंगे.