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लोकसभा में कांग्रेस का सरकार पर हमला, नोटबंदी को बताया गलत फैसला

बजट से ठीक एक दिन पहले सत्र के दौरान अहमद की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. केरल से लोक सभा सांसद ई अहमद की मौत पर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख मौत की उच्च स्तरीय जांच कराने की अपील की थी.

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लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा

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संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा जारी है. केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने बहस में हिस्सा लेते हुए मोदी सरकार के फैसले का बचाव किया और कहा कि देश की तस्वीर बदलने के लिए इस सरकार ने बड़े और साहसिक फैसले लिए हैं. महेश शर्मा ने कहा कि साहसिक फैसलों के लिए 56 इंच का सीना चाहिए होता है और इस सरकार ने कभी भी कड़े फैसलों से मुंह नहीं मोड़ा है.

महेश शर्मा ने लोकसभा में कही ये अहम बातें-
-दो साल में 11 हजार गांवों में बिजली पहुंचाई.
-जनधन योजना के जरिए लोगों को बैंकिंग सिस्टम में शामिल किया गया.
-बड़े फैसलों के लिए 56 इंज का सीना और उसके पीछे धड़कता हुआ दिल चाहिए. और उसकी जीती जागती मिसाल हमारे प्रधानमंत्री मोदी हैं.
-हमारी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन को लागू किया.
-हमारी सरकार ने दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया. आपने वीर सबूतों से वीरता के सबूत मांगे हैं.
-आठ नवंबर को काले धन पर चोट की. पीएम ने भ्रष्टाचारी नेताओं पर वार किया है.
-24 घण्टे में लोगों के पास नई करेंसी मिल गई. पूरे देश की जनता पीएम मोदी के साथ खड़ी रही.

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खड़गे का पलटवार
जवाब में उतरे कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे. खड़गे ने मोदी सरकार की योजनाओं और वादों पर जमकर हमला बोला. खड़गे ने पूछा कि बुलेट ट्रेन का क्या हुआ? रेल हादसों पर सरकार को जवाब देना चाहिए. पहले सरकार ने मनरेगा का मजाक उड़ाया लेकिन अब इसका बजट बढ़ा दिया गया है.

नोटबंदी एक गलत फैसला: खड़गे
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने लोकसभा में कहा कि देश में इस वक्त कोई अपनी बात नहीं रख सकता. अपने तरीके से रह नहीं सकता. क्योंकि इस वक्त देश में अघोषित इमरजेंसी है. खड़गे ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कहा की नोटबंदी का फैसला ठीक नहीं था. आम आदमी को इससे बहुत परेशानी हुई किसानों को परेशानी हुई. छोटे व्यापारियों को नुकसान हुआ. ऐसा किसी देश में नहीं है. कहीं भी नहीं है कि अपने ही पैसे निकालने के लोगों को लाइन में लगना पड़े. पर सरकार को नोटबंदी का फैसला करना था तो पूरी तैयारी के साथ करना चाहिए था. तैयारी क्यों नहीं की गई? मोदी सरकार हर मामले में फेल है. चाहे किसानों का मामला हो, मनरेगा का मामला हो, रेल में भी फेल हुई है. मोदी जी केवल भाषण करना जानते हैं. भाषण से पेट नहीं भरता.

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इससे पहले- संसद के बजट सत्र के दौरान सोमवार को लोक सभा में सांसद ई अहमद की मौत के मामले पर हंगामा हुआ जिसके बाद लोक सभा को 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया. इससे पहले कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस मामले पर संसद भवन परिसर में प्रदर्शन भी किया. हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही भी बाधित हुई.

कांग्रेस और लेफ्ट फ्रंट नें ई अहमद की मौत की जांच की मांग को लेकर गांधी प्रतिमा पर प्रदर्शन किया. राहुल गांधी भी इस प्रदर्शन में शामिल थे. इन नेताओं की मांग है कि ई अहमद की मौत की जांच होनी चाहिए कि आखिर अहमद की मौत किस वक्त हुई और और परिजनों को मिलने क्यों नहीं दिया गया. साथ ही परिवार को परेशानी हुई है उसके लिए जिम्मेदार कौन है. लोकसभा में भी सांसद केसी वेणुगोपाल और प्रेमा चंद्रन ने ई अहमद की मौत की जांच को लेकर काम रोको प्रस्ताव भी दिया है.

सांसद प्रेमा चंद्रन ने ई अहमद की मौत के मामले में अस्पताल प्रशासन पर अनादर और मौत की सूचना देने में देरी का आरोप लगाया है. केरल से लोक सभा सांसद ई अहमद की मौत पर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख मौत की उच्च स्तरीय जांच कराने की अपील की थी.

विपक्षी दलों ने भी अहमद की मौत के बाद बजट टालने की भी मांग की थी लेकिन बजट अपनी तय योजना के मुताबिक, एक फरवरी को ही पेश किया गया. कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि बजट न टले इसके लिए सरकार ने ई अहमद की मौत की खबर छुपाई.

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बजट सत्र शुरु होने के बाद दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा हो रही है. शुक्रवार को कांग्रेस सांसदों ने ई अहमद की मौत और टीएमसी ने अपने सांसदों की गिरफ्तारी का मामला उठाया था जिसके चलते लोकसभा की कार्यवाही बाधित होती रही. पहले लोकसभा को 1 बजे तक के लिए स्थगित किया गया, दोबारा हंगामा जारी रहने पर इसे सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया था.

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