शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में मौजूद रहे. उनकी मौजूदगी में सदन में डिसेबिलिटी बिल 2016 पास कर दिया गया. इसके बाद लोकसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया.
शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन हंगामे के चलते राज्यसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. वहीं नोटबंदी पर विपक्ष ने लोकसभा में चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पर 11 नोटिस दिए. महीने भर चला ये सत्र केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई नोटबंदी के मामले पर हंगामे की भेंट चढ़ गया. इस सत्र के दौरान दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ. केंद्र सरकार और विपक्ष अपनी अपनी बात पर अड़े रहे और ऐसे ही पूरा सत्र बेकार चला गया.
शीतकालीन सत्र के समापन से एक दिन पहले गुरुवार को भी संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ. जिसके चलते कोई कामकाज न हो सका. सत्तापक्ष और विपक्ष, दोनों के सदस्य नोटबंदी, भ्रष्टाचार और अन्य मुद्दों को लेकर एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे.
निचले सदन लोकसभा में विपक्ष नोटबंदी पर और सत्तापक्ष अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे पर चर्चा की मांग करता रहा. दोनों सदनों में लगातार हंगामे से भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को गुस्सा आ गया और उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि वह संसद से इस्तीफा दे दें, क्योंकि यह कभी खत्म न होने वाला 'नरक' बना हुआ है.
उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से कहा कि वह लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को सूचित कर दें कि उन्हें शुक्रवार को आठ नवंबर की नोटबंदी पर चर्चा सुनिश्चित करनी चाहिए. हालांकि यह बात आडवाणी ने संसद की कार्यवाही स्थगित हो जाने के बाद कही.
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. जवाब में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सदस्यों ने एक अखबार की क्लिपिंग दिखाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन में समाचार पत्रों की क्लिपिंग दिखाने को लेकर चेतावनी दी. इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.