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महिला और पुरुष का लंबे समय तक साथ रहना विवाह के लिए वैध सबूत: अदालत

मद्रास उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि शादी के निमंत्रण पत्र और तस्वीर जैसे सबूतों के अभाव में किसी पुरुष और एक महिला के लंबे समय तक एक साथ रहने को विवाह का वैध सबूत माना जा सकता है.

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साथ रहना भी है शादी का सबूत
साथ रहना भी है शादी का सबूत

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मद्रास उच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि शादी के निमंत्रण पत्र और तस्वीर जैसे सबूतों के अभाव में किसी पुरुष और एक महिला के लंबे समय तक एक साथ रहने को विवाह का वैध सबूत माना जा सकता है.

अदालत की मदुरै पीठ के दो सदस्यों न्यायमूर्ति एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति सीटी सेल्वम की पीठ ने तिरनेलवेली अदालत के न्यायाधीश के आदेश को पलट दिया जिन्होंने दंपति के विवाहित होने की बात को साबित करने के लिए सबूतों का अभाव होने का हवाला देते हुए तलाक के लिए आवेदन पर विचार करने से मना कर दिया था. मामला निचली अदालत के पास सुनवाई के लिए नहीं जाएगा.

पीठ ने कहा,'विवाह की धारणा लंबे समय से साथ रहने के सबूत से भी पैदा हो सकती है.' परिवार अदालत ने महिला द्वारा दायर तलाक की याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि उनकी शादी पंजीकृत नहीं थी और यहां तक कि शादी की तस्वीर भी नहीं पेश की गई.

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