भारत ने बुधवार को कहा कि सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) स्तर की बैठक के बाद नियंत्रण रेखा पर तनाव में कमी आयी है लेकिन पाकिस्तान के साथ रिश्ते सामान्य करने से जुड़ा कोई भी फैसला हड़बड़ी में नहीं लिया जाएगा क्योंकि ऐसा करना अभी ‘जल्दबाजी’ होगी.
रक्षामंत्री ए के एंटनी ने कहा कि कड़ाके की ठंड में भी घुसपैठ की कोशिशें जारी हैं. उन्होंने हैरत जताते हुए कहा, ‘यदि अभी की स्थिति ऐसी है तो पता नहीं गर्मी के मौसम में घुसपैठ के हालात कैसे होंगे?’
एंटनी ने कहा, ‘दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच हाल ही में हुई बैठक के बाद नियंत्रण रेखा पर तनाव में कमी आयी है लेकिन वहां स्थिति सामान्य होने के बाबत मैं कुछ नहीं कह सकता और न ही कोई आखिरी समयसीमा तय कर सकता हूं. यह कई कारकों पर निर्भर करता है.’
नियंत्रण रेखा पर हालात और इस्लामी आतंकवाद से भारत को खतरे के बारे में किए गए सवाल के जवाब में रक्षा मंत्री ने कहा, ‘हमें नजर रखनी होगी. त्रासद एवं अमानवीय घटना के बाद पाकिस्तान ने हमें कुछ चीजों के बारे में भरोसा दिलाया. हमें यह देखना होगा कि उसकी ओर से दिए गए आश्वासन अमल में किस तरह लाए जाते हैं.’
एंटनी ने कहा, ‘रिश्ते सामान्य बनाने के लिहाज से यह जल्दबाजी होगी. हमें इंतजार करना होगा और नजर बनाए रखना होगा कि जमीनी हालात कैसे रहते हैं. अन्य कारकों पर भी ध्यान देना होगा. भविष्य की कार्रवाई और भविष्य में संबंधों के बाबत हम कोई भी फैसला जल्दबाजी में नहीं करेंगे.’
गौरतलब है कि मेंढर सेक्टर में पाकिस्तानी सेना की ओर से दो भारतीय जवानों की सिर कलम कर हत्या कर दिए जाने के बाद नियंत्रण रेखा पर हालात काफी बिगड़ गए थे.
थलसेना अध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह ने तो यह कहते हुए पाकिस्तानी सेना को कड़ी चेतावनी भी दे दी थी कि भारत जब और जहां चाहे पलटवार का हक अपने पास रखता है.